Lahsun Khane Ke Fayde लहसुन खाने के फायदे । Khali Pet Lahsun Khane Ke Fayde ।

Lahsun Khane Ke Fayde Kya Hai

लहसुन द्वारा चिकित्सा लहसुन को संस्कृत में रसोन नाम से जाना जाता है । आयुर्वेद में षट् के रसों का प्रतिपादन किया गया है । लहसुन के आम्ल रस के अतिरिक्त पांच रसों की वहां उपस्थिति रहती है । स्वास्थ्यवर्धक गुणों में लहसुन को अमृत समान माना गया है । प्राचीनाचार्यों ने प्रत्येक वनस्पति पर सूक्ष्म अन्वेषणपूर्वक अध्ययन किया है । लहसुन भी इसका अपवाद नहीं रहा । इसका कारण यह है कि लहसुन प्रत्येक अंग की रसानुभूति का चित्रण प्रस्तुत किया हैः

कटुक श्चापि मूलेषु , तिक्तः पत्रेषु संस्थितः । बीजेतु मधुरः प्रोक्तो रस स्तद् गुणवेदिभिः ।

रसज्ञ विज्ञों ने लहसुन के प्रत्येक अवयवों में स्थित रसों का चित्रण किया है । लहसुन की जड़ कटु , पत्ते तिक्त , नाल कषाय , नलाग्र लवण और बीज मधुर रस प्रधान हैं । आधुनिक शोध ग्रंथों के आधार पर रासायनिक द्वारा वेक्ट्रियानाशक तरल पदार्थ एहत्रीसिन एवं जैंतिकी तत्व एहत्रीसिन प्रथम व द्वितीय पाये जाते हैं । ये अन्तिम दोनों पदार्थ एंटीबायोटिक्स हैं और दोनों ही ईथर में विलय तथा जल में अविलय हैं । लहसुन में एक प्रकार का उड़नशील तेल पाया जाता है ।

लहसुन के औषधीय गुण ।

लहसुन धातु एवं वीर्यवर्धक है । रस और पाक में तीक्ष्ण , कटु एवं मधुर है । यह संधानकारक , रक्तवर्धक , कंठ एवं नेत्रों के लिए लाभप्रद है । कास , श्वांस , शोथ , मंदाग्नि , अरुचि , बवासीर , जीर्ण ज्वर एवं कुष्ठ रोग के लिये लाभकारी है । आंत्र स्थित केंचुओं के लिए यह अमोघ शस्त्र है । यह उदरस्थ कृमियों के लिए भी हितकर है । घृत के साथ पिसा हुआ लहसुन खाने से वातिक गुल्म , अग्निमांध , उदरशूल , प्रभूति व्याधियां अतिशीघ्र दूर हो जाती हैं । आंतों का कैंसर भी इससे जाता रहता है । लहसुन निम्न रोगों में बड़ा ही लाभ पहुंचाता है ।

Subah Khane Ke Fayde

लहसुन का सेवन खाना खाने के कुछ समय बाद करें । पहले दो घूंट पानी पिएं , जिससे मुंह तर हो जाए , फिर बारीक पिसा हुआ कच्चा लहसुन एक मटर के दाने के बराबर ज पर डालकर ऊपर से एक गिलास पानी पिएं । इसे पीने के पांच मिनट बाद ही पेट में उत्तेजना होने लगती है । यदि उत्तेजना न हो तो समझें कि पेट बहुत खराब है । पिया हुआ पानी शीघ्र ही पेशाब से निकल जाता है । डा . वोर्डिया के अनुसार लहसुन का कच्चा ही प्रयोग किया जाए तो अच्छा है ।

लहसुन को सब्जी व अन्य खाद्य पदार्थों में डालकर सेवन किया जा सकता है । घी कोलेस्ट्रोल बढ़ाता है । घी की सब्जी में लहसुन का छोंक देने से कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ता । लहसुन को बारीक पीसकर या रस निकालकर प्रभावित अंगों पर पांच – दस मिनट लगाएं ।

लहसुन तीव्र जलन करने वाला और चर्मदाहक है । इसके लेप को अधिक समय रखने से छाला उठ आता है और दर्द होता है । कोमल स्वभाव के लोगों पर इसका लेप सावधानी से करना चाहिए । मुंह से आने वाली गन्ध को दूर करने के लिए लहसुन को छीलकर रात को पानी या छाछ में भिगो दें , फिर सवेरे खाएं या सवेरे भिगो दें और शाम को उसका सेवन करें । इस प्रकार बारह घंटे भिगोया हुआ लहसुन लेने से मुंह में गन्ध नहीं आती है । सेब द्वारा चिकित्सा  लहसुन खाने के बाद सूखा धनिया चबाने से भी इसकी गन्ध नहीं आती है ।

कैंसर से लड़ने वाले आहार ।

कैंसर : लहसुन के सेवन से पेट का कैंसर नहीं होता है । कैंसर होने पर लहसुन को पीसकर पानी में घोलकर कुछ सप्ताह पीने से पेट का कैंसर ठीक हो जाता है । खाना खाने के बाद तीन बार नित्य लहसुन लेने से पेट साफ रहता है । यह पेट की पेशियों में संकुचन पैदा करता है , जिससे आंतों को कम काम करना पड़ता है । खीरा द्वारा चिकित्सा  यह यकृत को उत्तेजित करता है , जिससे आक्सीजन एवं रक्त पेट की दीवार की सूक्ष्म नालियों ( Capillaries ) को बल मिलता है ।

लहसुन के औषधीय उपयोग ।

शरीरस्थ रोग : अमाशय व्रण ( Gastric Ulcer ) , अतिरिक्त दाब ( Hypertension ) , कृमि , दुर्बल बच्चे , वायु प्रदूषण के रोग अर्थात् औद्योगीकरण एवं नाना प्रकार के परीक्षणों से वातावरण दूषित होकर स्वास्थ्य गिरता जा रहा हो , तो इन सबको ठीक करने के लिए चार कली कच्चा लहसुन भोजन करने के बाद सेवन करना चाहिए । टांसिल्स : टांसिलाईटिस होने पर आधी गांठ लहसुन को बारीक पीसकर गर्म पानी में मिलाकर गरारे करने से लाभ होता है ।

लहसुन तेल के फायदे

Lahsun Khane Ke Fayde

लहसुन के तेल की मालिश प्रतिदिन करनी चाहिए । लहसुन की एक बड़ी गाँठ को साफ करके दो – दो टुकड़े करके 250 ग्राम दूध में उबाल लेना चाहिए । इस प्रकार तैयार की गई लहसुन की खीर 6 सप्ताह पीने से गठिया का रोग दूर हो जाता है । यह दूध रात को पीना चाहिए । खटाई , मिठाई का परहेज रखना चाहिए । दूध की खीर , लहसुन को दूध में पीसकर , उबालकर भी ले सकते हैं । मात्रा धीरे – धीरे बढ़ाते जाना चाहिए ।

पुरुषों के लिए लहसुन लाभ

Lahsun Khane Ke Fayde

लाभ व गुण : लहसुन खाने से भूख अच्छी लगती है । शरीर में गर्मी , चेहरे पर चमक रहती है , कृमि नष्ट होते हैं । इसे नित्य खाने से रोगों से बचाव होता है तथा रोग होने पर विशेष विधि से खाने से रोग दूर होता है । नाशपाती द्वारा चिकित्सा लहसुन उत्तेजक और चर्मदाहक होता है । लहसुन का प्रभाव सारे शरीर पर होता है । यह रक्त , बल और वीर्य बढ़ाने वाला है ,

पुरुषों के लिए कच्चे लहसुन खाने का लाभ ।

  • संभोग – शक्ति बढ़ाता है ,
  • टूटी हड्डियों को जोड़ता है ।
  • मेधा शक्ति तथा नेत्रों के लिए हितकर है ।
  • यह हृदय रोग ,
  • जीर्ण ज्वर ,
  • शूल ,
  • कब्ज ,
  • वायुगोला ,
  • अरुचि ,
  • खांसी ,
  • सूजन ,
  • बवासीर ,
  • कुष्ट ,
  • अग्निमांद्य ,
  • श्वांस और कफ को नष्ट करता है ।
  • यह अधिक पेशाब लाता है ,
  • पेट के अफारे को दूर करता है ।
  • यह सूजन ,
  • पक्षाघात ,
  • जोड़ों का दर्द ,
  • तिल्ली में लाभदायक है ।
  • कटिवात ,
  • प्यास ,
  • दांतों की सड़न को दूर करता है ।
  • बार – बार फुंसियां होना , पेराटाइफाइड ,
  • फ्लू ,
  • गुर्दों के रोगों को लहसुन ठीक के करता है ।
  • रोग के कीटाणुओं का नाश करता है ।

लहसुन से खांसी का इलाज ।

Lahsun Khane Ke Fayde

खांसी : 62 ग्राम सरसों के तेल में लहसुन की एक गांठ को साफ करके उसमें पकाकर रख लें । इस तेल की सीने व गले पर मालिश करें । मुनक्का के साथ दिन में तीन बार लहसुन खाएं । प्याज द्वारा चिकित्सा खटाई खाना छोड़े दें । बीस बूंद लहसुन का रस अनार के शरबत में मिलाकर पिलाएं । हर प्रकार की खांसी मैं लाभ होता है ।

काली खांसी के घरेलू उपाय ।

काली खांसी : हूपिंग कफ ( काली खांसी ) पांच बादाम शाम को पानी में भिगो दें । सुबह छीलकर उनमें मिश्री और एक कली लहसुन की मिलाकर पीस लें और खिलाएं । दो – तीन दिन में काली खांसी ठीक हो जाएगी । बच्चे को लहसुन की माला पहनाना व इसके तेल की मालिश करना भी लाभदायक है । लहसुन का ताजा रस 10 बूंद , शहद और पानी 4-4 ग्राम , ऐसी . एक – एक मात्रा दिन में चार बार दें ।

लहसुन से खुजली का इलाज ।

Lahsun Khane Ke Fayde

खुजली : लहसुन को तेल में उबालकर मालिश करने से खुजली में लाभ होता है । यह रक्त साफ करता है । इसका सेवन भी अवश्य करना चाहिए । दाद दूध पीते बच्चे के दाद हो जाए तो लहसुन को जलाकर इसकी राख शहद में मिलाकर लगाने से लाभ होता है ।

दांतों के रोग उपचार

Lahsun Khane Ke Fayde

दन्त रोग : पायोरिया , मसूड़ों की सूजन , दर्द , बदचू हो तो एक चम्मच शहद में 20 बूंद लहसुन का रस मिलाकर चाटें । 60 ग्राम सरसों के तेल में लहसुन को पीस कर डालें और गर्म करें । जब लहसुन जल जाए तो तेल को ठंडा करके छान लें । इस तेल में 30 ग्राम जली हुई अजवाइन डालें और 15 ग्राम पिसा हुआ सैंधा नमक मिलाएं और मंजन करें । इससे दांतों के सामान्य रोग ठीक हो जाएंगे । दो – तीन महीने नित्य प्रयोग करने से पायोरिया भी ठीक हो जाएगा ।

गंजा होने के बाद जल्दी बाल कैसे उगाए ।

Lahsun Khane Ke Fayde

गंजापन : बाल उड़े हुए स्थान पर लहसुन का रस लगाएं और सूखने दें । केले द्वारा चिकित्सा इस तरह तीन बार नित्य लहसुन का रस कुछ सप्ताह लगाते रहने से गंज के स्थान पर बाल आ जायेंगे ।

सिर दर्द का पक्का इलाज ।

Lahsun Khane Ke Fayde

सिर – दर्द : चाहे आधे सिर का दर्द हो या कैसा भी दर्द हो , लहसुन पीसकर कनपटी पर , जहां दर्द हो , लेप करने से दर्द मिट जाता है । लहसुन के लेप से त्वचा पर फफोले पड़ जाते हैं । अतः लेप करते समय सावधान रहना चाहिए । थोड़ी देर लेप करने के बाद धोकर जगह साफ कर देनी चाहिए । यदि आधे सिर का दर्द हो तो जिस ओर दर्द हो , उस ओर के नथुने में दो बूंद लहसुन का रस डालें । हर दो घंटे से दो कलियां लहसुन की चबाकर ऊपर से पानी पिलाएं ।

टीबी का देशी इलाज

Lahsun Khane Ke Fayde

( टी.बी. ) लहसुन खाने वालों को क्षय रोग नहीं होता । इसके प्रयोग से क्षय के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं । क्षय रोग के लिए लहसुन एक वरदान है । हर प्रकार के क्षय को दूर करने के लिए लहसुन अमृत से कम नहीं है । लहसुन में सल्फ्यूरिक एसिड अच्छी मात्रा में होता है , जो क्षय के कीटाणुओं को नष्ट करता है ।

क्षय होने पर 250 ग्राम दूध में कटी हुई 10 कलियां लहसुन की उबालकर खाएं , ऊपर से उस दूध को पिएं । लम्बे समय तक पीते रहने से यक्ष्मा ठीक हो जाता है । फेफड़े के क्षय में लहसुन के प्रयोग से कफ गिरना कम होता है । लहसुन रात को निकलने वाले पसीने को रोकता है । भूख बढ़ाता है और नींद सुखपूर्वक लाता है ।

फेफड़ों में क्षय होने पर लहसुन के रस से रुई तर करके सूंघना चाहिए , ताकि श्वास के साथ मिलकर इसकी गंध फेंफड़ों तक पहुंच जाए । इसे बहुत देर तक सूंघते रहना चाहिए । इसकी तीव्र गंध ही है , जो प्रबल – से – प्रबल कीटाणुओं , कृमियों तथा असाध्य रोगों को मिटाती है । खाना खाने के बाद लहसुन का सेवन भी करना चाहिए । यक्ष्मा , ग्रंथि क्षय एवं हड्डी के क्षय में लहसुन खाना लाभदायक है । आंत्र क्षय में लहसुन का रस 5 बूंद 12 ग्राम पानी के साथ पिलाना चाहिए ।

कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज ।

हृदय रोग : एक चिकित्सा अनुसंधान से पता चलता है कि कोलेस्ट्रोल को कम करने में लहसुन बड़ा प्रभावशाली है और इस प्रकार लहसुन दिल के दौरे की बीमारी को रोकने में बहुत कारगर है । कोलेस्ट्रोल एक ऐसा चर्बीदार पदार्थ है , जो रक्त नलिकाओं में जम जाता है , जिससे पहले ‘ एथेरोस्क्लेरोसिस ‘ होता है और अन्त में दिल का दौरा पड़ने लगता है । लहसुन से कोलेस्ट्रोल का स्तर कम किया जा सकता है ।

लहसुन में गन्धक का एक यौगिक होता है , जिसमें मुख्यतः डाईऐलिल डाई सल्फाइड , ऐलिल , प्रोपाइल डाई सल्फाइड और पोली सल्फाइड नामक तत्व होते हैं । यह यौगिक रक्त को पतला बनाये रखता है और धमनियों में जमे कोलेस्ट्रोल को निकालने का काम करता है । 56 Lemon Health Benefits हृदय रोग होने का प्रमुख कारण हृदय की धमनियों में जमा होने वाला कोलेस्ट्रोल नामक पदार्थ है , जिससे धमनियां सिकुड़कर रोगग्रस्त हो जाती हैं ।

इसका परिणाम यह होता है कि धमनियों में रक्त का बहाव कम हो जाता है और यह रोग उत्पन्न हो जाता है । घी , चर्बी वाले पदार्थ कोलेस्ट्रोल बढ़ाते हैं । लहसुन धमनियों को सिकुड़ने से ही नहीं बचाता , वरन् सिकुड़ी हुई रोगग्रस्त धमनियों में ज़मे कोलेस्ट्रोल को निकालकर पुनः ठीक कर देता है । जब किसी को हार्ट अटैक ( दिल का दौरा ) होने लगे तो चार – पांच कलियों को तुरन्त चबा लेनी चाहिए । Lahsun

kacha lahsun Ke Benefits ।

  1. मिरगी : मिरगी के बेहोश रोगी को लहसुन कूटकर सुंघाने से होश जाता है । आ 10 कली दूध में उबाल कर नित्य खिलाने से मिरगी का रोग दूर हो जाता है । यह प्रयोग लम्बे समय तक करें । लहसुन को तेल में सेंककर नित्य खाएं ।
  2. जलोदर : आधा चम्मच लहसुन का रस 125 ग्राम पानी में मिलाकर पिलाने से जलोदर दूर हो जाता है । यह कुछ दिन नित्य पिलाना चाहिए ।
  3. पेट दर्द : चार चम्मच पानी , आधा चम्मच लहसुन का रस स्वादानुसार नमक के साथ पिलाना चाहिए । इससे पेट – द ठीक हो जाता है ।
  4. हड्डी की चटखन : हड्डी टूट गई हो , अपने स्थान से हट गई हो , बढ़ गई हो , है । हड्डी का कोई भी रोग हो , लहसुन के सेवन से लाभ होता है ।
  5. हैजा : कृमि : अतिरिक्त दाब ( B.P. ) में 6 बूंदें लहसुन का रस चार चम्मच पानी में दो बार नित्य पिलाएं । रहने के स्थान पर जगह – जगह छिला हुआ लहसुन रखें । इससे हैजे के कीटाणु मर जाएंगे और हैजा नहीं होगा । पांच कली लहसुन की मुनक्का या शहद के साथ नित्य तीन बार सेवन करने से पेट के कृमि मर जाते हैं । यह दो – तीन माह सेवन करने से स्वास्थ्य उत्तम हो जाता है ।
  6. दर्द : दो गांठ लहसुन को पीसकर 100 ग्राम तिल के तेल में मिलाकर गर्म करके मलने से दर्द दूर हो जाते है । हिस्टीरिया : लहसुन का रस नाक में टपकाने से होश आ जाता है ।

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