प्याज द्वारा चिकित्सा प्याज का सेवन अधिकतर लोग इसलिये नहीं करते क्योंकि इसमें बहुत तीव्र गंध आती है ,(Onion Benefits in Hindi) विशेषकर कच्ची प्याज में इसकी प्रकृति ठंडी होती है तथा यह गर्मी को शांत करती है । इसके सेवन से पाचन क्रिया प्रदीप्त होती है । यह अत्यन्त धातुवर्धक तथा बलवर्धक है । इसका सेवन यदि थोड़ी मात्रा में किया जाए , तो छाती में जमे हुए कफ को यह निकाल बाहर करती हैं तथा मूत्र साफ लाने में भी सहायक है । लू से बचाव करने में भी यह अद्वितीय है | | या भुनी हुई प्याज का रस चार चम्मच पिएं । इससे नींद अच्छी आएगी ।
Onion Benefits in Hindi
नेत्र रोग : इसके निरन्तर प्रयोग से नेत्रों की दृष्टि बढ़ जाती है । र को नेत्रों में डालते रहने से नेत्र ज्योति बढ़ती है तथा धुन्ध , जाला , नाखूना , गुबार और मोतियाबिन्द तक दूर हो जाते . हैं । यह अत्यन्त अनुभूत औषधि है । आंखों की पुतली पर उत्पन्न सफेदी को जाला कहते हैं । रुई की बत्ती प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें । इसे तिल के तेल में जलाकर काजल बनाकर लगाने से जाला दूर होता है ।
शरीर की ऐंठन : ऐंठन होने और झटके लगने पर प्याज के गर्म – गर्म रस से पांव के तलुओं पर मालिश करने से आराम होता है ।
हिचकी : प्याज काटकर एवं धोकर इस पर नमक डालें और फिर इसे खिलाएं , हिचकी बन्द हो जाएगी । कुछ दिन तक लगातार खाने से पूरा लाभ होगा ।
पेट के रोग : पेट में कृमि और अजीर्ण होने पर प्याज का रस एक चम्मच दो – दो घंटे से पिलाने से कीड़े मर जाते हैं तथा बदहजमी ठीक हो जाती है ।
अम्लपित्त : 60 ग्राम सफेद प्याज के टुकड़े 30 ग्राम दही में मिलाकर नित्य तीन बार खाएं । कम से कम एक सप्ताह तक सेवन करने से लाभ होगा ।
अजीर्ण : ( Dyspepsia ) लाल प्याज काटकर उस पर नींबू निचोड़कर भोजन के साथ खाने से अजीर्ण दूर होता है । बच्चों के अजीर्ण में प्याज के रस की पांच बूंद पिलाने से लाभ होता है ।
पेचिश : आंव , खून के दस्त आने पर एक प्याज को काटकर , पानी से धोकर गाय के ताजे दही के साथ खाने से लाभ होता दस्त ( Diarrhoea ) प्याज को पीसकर नाभि पर लेप करने से दस्त बन्द होते हैं । 30 ग्राम प्याज के रस में एक राई के बराबर अफीम मिलाकर पिलाएं , तुरन्त दस्त , मरोड़ बन्द होंगे । जी मिचलाने पर प्याज नमक के साथ खाने से लाभ होता है ।
मानसिक रोग : हिस्टीरिया के कारण बेहोश होने पर प्याज का रस सुंघाने से होश आ जाता है । मूर्च्छा भी इससे ठीक हो जाती है ।
पीलिया : छोटी प्याज छीलकर , उसको चोकोर काटकर सिरके या नींबू के रस में डाल दें । ऊपर से नमक , काली मिर्च डाल दें । इस तरह नित्य सुबह – शाम एक प्याज खाने से पीलिया दूर होगा । आधा कप सफेद प्याज के रस में गुड़ और पिसी हुई हल्दी मिलाकर प्रातः व सायं पीने से भी लाभ होता है ।
विवाइयां : बिवाइयों पर कच्ची प्याज पीसकर बांधने से लाभ होता बवासीर : ( बवासीर रक्तस्रावी ) 100 ग्राम प्याज के रस में 50 ग्राम शक्कर मिलाकर पीने से रक्तस्रावी बवासीर में लाभ होता है । (Onion Benefits in Hindi) ( बादी बवासीर ) टट्टी की जगह मस्से फूल गए हों , तेज दर्द हो तो दो प्याज गर्म राख में भूनकर पीस लें और फिर उन्हें घी में सेंककर गर्म लुगदी से मस्सों की जगह सेंक करें तथा इसे बांध मस्सों का दर्द ठीक हो जाएगा ।
लू : लू लगने पर प्याज का रस कनपटियों और छाती पर मालिश करने और पीने से लाभ होता है । गर्मी में प्याज दो बार लू नित्य खाने और पास रखने से लू नहीं लगती । जब भी खाना खाएं , प्याज भी साथ में खाएं ।
कर्ण रोग : कान में दर्द , कान में पीव और कान में शायं – शायं की आवाज और बहरापन होने पर प्याज के रस को थोड़ा गर्म करके 5-7 बूंदें कान में डालने से लाभ होता है ।
गंजापन : सिर पर कहीं से बाल उड़ जाने को गंज कहते हैं । गंज के स्थान पर प्याज का रस रगड़ते रहने से बाल दोबारा पैदा होने लग जाते हैं और बाल गिरना बंद हो जाते हैं ।
हाजमा : प्याज भोजन में रुचि उत्पन्न करती है , भूख बढ़ाती है । भोजन को पचाने में सहायक है । यकृत , तिल्ली तथा पित्त को उत्तेजित करके उन्हें अधिक काम करने योग्य बनाती है । (Onion Benefits in Hindi) पेट की वायु को बाहर निकाल कर पेट दर्द और अफारा दूर करती है । स्थान व जलवायु के परिवर्तन से जो प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ते हैं , प्याज उनको दूर करती है । अम्लपित्त ठीक करती है । प्याज को आग में गर्म करके कूट कर , रस निकालकर , उसमें एक ग्राम नमक मिलाकर पिलाने से पेट दर्द ठीक होता है ।
मिरगी : तीन औंस प्याज का रस प्रातः थोड़ा सा पानी मिलाकर पीने से मिरगी आना बन्द हो जाता है । यह कम से कम 40 दिन दें । मिरगी के दौरे में प्याज का रस सूंघने से होश शीघ्र आ जाता है ।
विष : कुत्ते या सियार के काटने पर प्याज को पीसकर शहद में मिलाकर काटे स्थान पर लगाने एवं प्याज का रस पिलाने से विष का प्रभाव दूर हो जाता है । (Onion Benefits in Hindi) मस्सों पर प्याज का रस लगाने से मस्से नष्ट हो जाते हैं । भोजन के साथ कच्ची प्याज का सेवन अधिक मात्रा में करने से माताओं का दूध बढ़ता है । प्याज के रस में चीनी डालकर शर्बत बनाकर पीने से पथरी कट – कटकर बाहर आ जाती है ।
मस्से : दूध की कमी : पथरी : ★ श्वांस रोग : फोड़े : ( Abscess ) यदि गांठ या फोड़ा पक गया हो , (Onion Benefits in Hindi) असह्य दर्द हो रहा हो तो प्याज को कूट – पीसकर उसमें हल्दी , गेहूं का आटा , पानी और शुद्ध घी मिलाकर थोड़ी देर आग पर रखकर , पकाकर पुल्टिश बना लें , फिर गर्म – गर्म फोड़े या गांठ पर बांधे । इससे फोड़ा फूट जाएगा , आपरेशन की आवश्यकता नहीं रहेगी ।
गठियावाय : सरसों का तेल और प्याज का रस मिलाकर म से गठिया के रोगी को लाभ होता है ।
सिरदर्द : हर प्रकार का सिरदर्द अथवा लू लगने के कारण सिरदर्द हो तो प्याज को पीसकर पैर के तलुओं पर लेप करने लाभ होता है । प्याज को काटकर सूंघने से भी सिरदर्द दूर होता है ।
हैजा : हैजा होने पर आधा छटांक प्याज का रस थोड़ा – सा नमक डालकर घंटे – घंटे से पिलाने से लाभ होता है या प्याज के रस में पोदीने का रस मिलाकर 10-10 मिनट से एकेक चम्मच पिलाते रहें । (Onion Benefits in Hindi) नींबू का रस एक भाग , हरा पोदीना और प्याज का रस आधा – आधा भाग मिलाकर बार – बार पिलाने से लाभ होता है । हैजे में केवल प्याज का रस गुनगुना करके पीने से लाभ होता है । हैजा फैलने पर इससे बचने के लिए 25 ग्राम प्याज का रस , एक कप पानी , एक नींबू , थोड़ा – सा नमक , काली मिर्च , अदरक का रस नित्य चार बार पीते रहें । इससे हैजा नहीं होगा ।
बवासीर : अर्श में आधा कप प्याज का रस , एक चम्मच घी , तीन चम्मच चीनी मिलाकर खाने से लाभ होता है । आचार्य वागभट्ट ने बताया है कि प्याज अरक्तस्रावी और रक्तस्रावी खानी चाहिए । (Onion Benefits in Hindi) दोनों प्रकार के अर्श ठीक करती है । नित्य एक कच्ची प्याज मूत्र रोग : एक किलो पानी में 45 ग्राम प्याज के टुकड़े डालकर औटाएं , उबालें । इसे छानकर शहद मिलाकर नित्य तीन बार पिलाने से पेशाब खुलकर तथा बिना कष्ट के आता है । यदि पेशाब बन्द हो गया हो तो वह भी आने लगता है ।
पानी रहने पर छानकर ठंडा करके पिलाएं , पेशाब की दूर हो जाएगी । सफेद बाल चार नग प्याजों की चटनी पीसकर और इतना ही गेहूं का आटा डालकर हलुवा बना लें , फिर इसे हल्का गर्म रहने पर पेट पर इसका लेप कर लेट जाएं । पेशाब हो जाएगा । ( बाल काले करना ) प्याज को पीस कर बालों पर लेप करने से बाल काले रंग के उगने शुरू हो जाते हैं ।
दन्त रोग : प्याज कच्ची खायी जाने पर यह मुख के हानिप्रद वैक्टेरियाओं को नष्ट कर देती है और दन्तक्षय को रोकती है । यह सांस की दुर्गन्ध को भी समाप्त कर देती है । (Onion Benefits in Hindi) हृदय रोग जिनके हृदय की धड़कन बढ़ गई हो , हृदय रोग से बचना चाहते हों , वो एक कच्ची प्याज नित्य खाना खाते समय खाएं । इससे धड़कन सामान्य हो जाएगी । हृदय को शक्ति मिलेगी । एक अध्ययन से पता चला है कि प्याज का रस रक्त प्रवाह में सहायक है और दिल की कई बीमारियों से सुरक्षित रखता है । लकवे में प्याज का उपयोग मददगार है ।
नशा : किसी भी नशे से धुत्त व्यक्ति को एक कप प्याज का रस पिलाने से नशा बहुत कम हो जाएगा ।
बट्टा : ( Com ) पर प्याज का रस तीन बार नित्य लगाएं । नर्म हो जाने पर घट्टे को काट दें ।
शक्तिवर्धक : गुप्त रोग : एक चम्मच प्याज का रस दो चम्मच शहद में मिलाकर चाटें । प्याज मन में हलचल पैदा करती है । काम वासना को जगाती है । वीर्य को उत्पन्न तथा उत्तेजित करती है । देर तक मैथुन करने की शक्ति प्रदान करती है । स्त्रियों का मासिक धर्म खुलकर लाती है । इनके लिए प्याज का रस शहद के साथ सेवन करें ।
ईरानी नागरिक याह्या अली अकबर बेग नूरी ने 88 वर्ष की आयु में 168 वीं शादी ( Marriage ) की । इस आयु तक उसकी जवानी बरकरार रहने का कारण था उसका एक किलो प्याज प्रतिदिन खाना था । सफेद प्याज का रस , अदरक का रस , शहद , देशी घी प्रत्येक 6 ग्राम- चारों को मिलाकर प्रातः चाटें । 40 दिन सेवन करने से नामर्द भी मर्द बन जाता है ।
किसी बीमारी या अधिक विषय भोगों में लगे रहने से मर्दाना शक्ति कम हो तो उसे दूर करने के लिए निम्न प्रयोग करें 60 ग्राम लाल प्याज के बारीक टुकड़े , इतना ही घी और 250 ग्राम दूध मिलाकर गर्म करें । जब गर्म करते – करते यह गाढ़ा हो जाए तो ठंडा करके मिश्री मिलाकर नित्य प्रातः 20 दिन सेवन करें । खोई हुई मर्दानगी वापस आ जाएगी ।
प्याज के रस में आटा गूंदकर रोटी सेंक लें और प्याज की ही सब्जी से इसे खाएं । एक माह में मर्दानगी आ जाएगी । ि प्याज का रस एक चम्मच , आधा चम्मच शहद में मिलाकर पिएं । वीर्य का पतलापन दूर होगा तथा वीर्य में वृद्धि होगी । स्वप्नदोष : दस ग्राम सफेद प्याज का रस , अदरक का रस आठ ग्राम , शहद पांच ग्राम , घी तीन ग्राम मिलाकर रात्रि को सोते समय पीने से स्वप्नदोष नहीं होता ।
सर्पदंश : प्याज कूटकर निकाला हुआ रस 15 ग्राम , सरसों का तेल 15 ग्राम , दोनों को अच्छी तरह मिलाकर रोगी को पिला पिलाएं । यह एक मात्रा है । ऐसी तीन मात्रा आधा आधा घंटे से पिला दें । सांप का विष उतरकर रोगी ठीक हो जाएगा ।
जलोदर : ( Dropsy ) कच्ची प्याज बार – बार खाने से पेशाब ज्यादा होता है और जलोदर के लिये यह एक अच्छी औषधि है ।
जुकाम : जुकाम के लिए प्याज से बनी होम्योपैथिक औषधि ऐलियम सीपा -30 की आठ – आठ गोली हर तीन घंटे से पांच बार एक – दो दिन लेने से बार – बार छींकें आना बन्द हो जाता है । बात रोग : प्याज इसमें लाभदायक है । होम्योपैथिक डाक्टर यूनान रोगियों को प्याज पकाकर खाने की अनुमति देते थे ।
गन्ध : प्याज खाने के बाद धनियां या इलाइची अथवा शक्कर खाने से प्याज की गन्ध नहीं आती है । प्याज डालकर बनाई गई साग – सब्जी में से प्याज की गन्ध दूर करने के लिए पकाने के बाद थोड़ी सी चीनी पानी में घोलकर डाल दें । प्याज की गन्ध नहीं आएगी । बतन से प्याज की गन्ध दूर करने के लिए उन्हें नमक मिले गुनगुने पानी से साफ करना चाहिए ।
सावधानी– प्याज औषधोपचार के रूप में ही लाभदायक है । आहार या व्यसन ( लत ) के रूप में नहीं । अमेरिकी वैज्ञानिक डा ० राबर्ट हौसन के अनुसार मूत्र – व्याधि से पीड़ित रोगियों के लिये प्याज हानिकर सिद्ध हो सकती है , क्योंकि प्याज में प्यरतु एसिड नामक पदार्थ पाया जाता है , जो मूत्र रोगों के लिए हानिकर है ।
वैसे प्याज में पाया जाने वाला सोडियम , गन्धक , पोटाश आदि पदार्थ मानव शरीर के लिए सर्वथा उपयुक्त है । इसके अतिरिक्त पेट फूलना , मस्तिष्क दौर्बल्य , वात , सिरदर्द आदि की सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है । प्याज को उपयोग में लाने से पूर्व नमक के पानी में अच्छी तरह भिगो लें , तत्पश्चात ही प्रयोग में लाएं । इससे प्याज के दुर्गुण जाते . रहते हैं ।