फालसा द्वारा चिकित्सा इसे एक भारतीय फल माना जाता है। (Phalsa Benefits In Hindi) कच्चा फल उष्ण एवं शारीरिक दाह को बढ़ाने वाला होता है, जबकि पका हुआ फल शीतल और दाह-शामक होता है। यह पित्त एवं पित्त-रक्त की शांति करता है। कच्चा फल शुक्र-नाशक होता है।
पका हुआ फल मूत्रल और शुक्र-जनक होता है। यह शरीर के दूषित मल को बाहर निकालकर शोधन-क्रिया में सहयोगी बनता है। मूत्र की जलन को मिटाता है तथा हृदय के लिए विशेष हितकर है। यह दिल की धड़कन को सामान्य कर उसे मजबूत करता है।
best Phalsa Benefits In Hindi – Phalsa Benefits In Hindi
कच्चा फल हृदय के लिए शत्रुता रखता है और पका हुआ हृदय की खुश्की दूर कर तरावट लाता है एवं मानसिक दुर्बलता को दूर करता है
जलन : फालसे का शर्बत पीने से शरीर की जलन और दाह मिटती ।
रक्ताल्पता : जिनमें रक्त की कमी हों, उन्हें नित्य फालसा अवश्य खाना चाहिए। इससे रक्त की पूर्ति होती रहती है।
अरुचि : फालसों को काला नमक या सैंधा नमक व पिसी मिर्च के साथ खाना चाहिये।
पित्त : पित्त-विकार में फालसे का रस सौंठ और शक्कर मिलाकर पीना चाहिए।
रक्तप्रदर : best Phalsa Benefits In Hindi फालसा वृक्ष का छिलका (जड़ का छिलका) सुखाकर, पीसकर, छानकर 12 ग्राम की मात्रा में शाही चावलों के धोबन (मांड) के साथ लेने से कुछ ही दिनों में रक्तप्रदर से मुक्ति मिल जाती है।
रक्तातिसार : फालसा के बीज शीतवीर्य हैं। ये रक्तातिसार एवं पैत्तिक अतिसार में बहुत लाभ पहुंचाते हैं।
व्रण 😐 फालसा के पत्ते व्रण-शोधन करने में अद्वितीय हैं।
प्रसन्नता : फालसे का मुरब्बा शरीर को बहुत ठंडक पहुंचाता है। खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है तथा दिलों-दिमाग को प्रसन्न रखता है ।
पाचकाग्नि : फालसा के सेवन से भोजन में रुचि बढ़ती है । यह पाचकाग्नि को प्रदीप्त करता है , जिससे शरीर में धातुओं का निर्माण ठीक प्रकार से होता है ।