नारंगी का रस मन को प्रफुल्लित कर देता है। (Orange Ke Fayde For Skin In Hindi) यह शीतल, मधुर और स्वादिष्ट होती है। इसका आमाशय और आंतों पर बहुत ही हितकर प्रभाव पड़ता है, जिससे भोजन का रस ठीक प्रकार से बनता है और खून की वृद्धि एवं मांस, चर्बी और वीर्य आदि की पुष्टि भी ठीक प्रकार से होती है। धातुओं पर इसके रस का चूंकि हितकारी प्रभाव पड़ता है,
अतः शरीर में बल की वृद्धि होती है। नारंगी के प्रतिदिन के सेवन से मानसिक-शक्ति बढ़ती है, थकावट दूर होती है तथा शारीरिक-शक्ति भी सुदृढ़ हो जाती है। इसका लाभकारी प्रभाव रक्त पर होता है, अतः रक्त की कमी वाले लोगों को नारंगी का सेवन करना चाहिए। जहां तक रोग का संबंध है, नारंगी विभिन्न रोगों पर अपना हितकारी प्रभाव दिखाने में समर्थ है।
Orange Ke Fayde For Skin In Hindi
पित्त : पित्त-रोगों में जब छाती में जलन, बेचैनी, उलटी की शंका अथवा उलटी का होना, खट्टी डकारें आदि से रोगी परेशान रहता है, तब संतरे का रस या नारंगी का रस, भुना हुआ जीरा नमक और काली मिर्च मिलाकर सेवन करना तुरंत फलदायी होता है।
गर्मी के जुकाम का इलाज
जुकाम : सर्दी लगी हो या सर्दी लगने के कारण खांसी की अधिकता हो, तो हल्के गुनगुने पानी में नारंगी का रस मिलाकर पीने से तुरंत लाभ होता है। जुकाम और खांसी होने पर नारंगी के रस का एक गिलास पीने से लाभ होगा। स्वाद के लिए नमक या मिश्री नित्य भी मिला सकते हैं। छोटे बच्चों को नियमित रूप से मीठी नारंगी का रस पिलाते रहने से सर्दी के मौसम का कोई रोग नहीं होता। वो सर्दी, जुकाम और खांसी से भी बचे रहते हैं। दूध पीते बच्चों को इससे शक्ति मिलती है।
Orange Khane Ke Fayde
बलवर्धक : बच्चे को जितना दूध पिलाएं, उसमें उस दूध का एक भाग मीठी नारंगी का रस मिलाकर पिलाएं। बच्चों का यह पौष्टिक पेय साबित होता है। इससे बच्चों के शरीर का विकास होता है तथा उनका भार भी बढ़ता है बच्चों को नारंगी का रस पिलाते रहने से वो थोड़े ही समय में हृष्ट-पुष्ट हो जाते हैं तथा उनके शरीर का विकास भी बड़ी तीव्रता से होता है।
हड्डियों की दुर्बलता तथा उनका टेढ़ापन भी दूर हो जाता है। बच्चे शीघ्र चलने-फिरने लगते हैं। दूध पीने वाले बच्चों को तो मीठी नारंगी का रस अवश्य ही पिलाना चाहिए। नारंगी के रस से सूखा रोग से पीड़ित बच्चे भी शीघ्र मोटे-ताजे हो जाते हैं। इसका रस आंतों की गति को भी तीव्र करता है। benefits of orange fruit
दुबले पतले शरीर को मोटा कैसे बनाएं घरेलू उपाय
जो स्त्री या पुरुष बहुत ही दुबले-पतले और कमजोर हैं, उन्हें चार सप्ताह तक दिन में दो बार नारंगी का रस अवश्य पीना चाहिए। इससे शरीर में शक्ति आ जाती है।
कब्ज के लक्षण एवं उपचार
कब्ज : सुबह के नाश्ते में नारंगी का रस कुछ दिनों तक नित्य पीते रहने से कब्ज दूर हो जाता है। मल अपने प्राकृतिक रूप में आने लगता है। इससे पाचन-शक्ति भी बढ़ती है।
दूध से वायु – Best Orange Ke Fayde For Skin In Hindi
दूध से वायु : जिन्हें दूध पीने से वायु बनती हो, उन्हें कुछ दिन तक दूध मिलाकर पीना चाहिए। में थोड़ा-सा नारंगी का रस वायु (गैस) : नारंगी के सेवन से यकृत का रोग ठीक हो जाता है। गैस पेट फूलता हो, (वायु) या किसी भी कारण से जिनका भारी रहता हो, अपच हो; उनके लिए नारंगी का सेवन लाभकारी है। प्रातः एक गिलास नारंगी का रस पीने से आंतें साफ हो जाती हैं, जिससे कब्ज नहीं रहता है।
भूख न लगना कमजोरी महसूस करना
भूख न लगना : नारंगी की फांकों पर पिसी हुई सौंठ तथा काला नमक डालकर खाएं। एक सप्ताह में ही भूख खुलकर लगने लगेगी।
घाव सुखाने के घरेलू उपाय
घाव : नारंगी खाने से चोट आदि के घाव शीघ्र भर जाते हैं।
स्नायु रोग का मतलब
स्नायु-रोग : नारंगी अथवा नारंगी का रस स्नायु-मंडल को उद्दीप्त करता है, जिससे कब्ज दूर होता है। स्नायु-रोग से पीड़ित एवं स्नायु तनाव ग्रस्त रोगियों के लिए नारंगी लाभदायक है।
मुंहासे हटाने के उपाय
मुंहासे : नारंगी के सूखे छिलके पीसकर चेहरे पर मलने से मुंहासे कुछ ही दिन में दूर हो जाते हैं।
वक्षरोग – Best Orange Ke Fayde For Skin In Hindi
वक्षरोग : श्वास, दमा, टी.बी. आदि के अतिरिक्त हृदय तथा छाती के समस्त रोगों में भी नारंगी बहुत हितकर है। इसे लंबे समय तक प्रयोग करना चाहिए।
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया : दो नारंगी के छिलके दो कप पानी में उबालें और आधा पानी शेष रह जाने पर, छानकर गुनगुना पिएं। चेचक के दाग : नारंगी के छिलके सुखाकर बारीक पीस लें।
गर्भावस्था
गर्भावस्था : गर्भवती स्त्री को नित्य दो नारंगी दोपहर में पूरे गर्भकाल में खिलाते रहने से होने वाला शिशु सुंदर होता है। मद्य : नारंगी खाने अथवा नारंगी का रस पीने से भी मद्य पीने की इच्छा स्वयं ही हट जाती है।
यूरिया क्या है
पायोरिया : नारंगी के छिलकों को छाया में सुधाकर पीस लें और फिर छानकर इससे मंजन करें। यह पायोरिया में लाभकारी है।
टायफाइड के लक्षण
टाइफाइड : नारंगी का रस गर्मी, ज्वर और अशांति दूर करता है। रोगी को दूध में नारंगी का रस मिलाकर पिलाएं या दूध पिलाकर नारंगी खिलाएं। दिन में तीन-बार नारंगी खिलानी चाहिए।