(general education)
general-education आखिरकार 34 साल के बाद। भारत के शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव हो ही गया। (general education) so 29 जुलाई को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने भारत ने नई शिक्षा को मंजूरी दे दी।
यह तीसरी बार है (general education) जब भारत मैं शिक्षा को मंजूरी दी गई है। सबसे पहले तत्काल वाले प्रधानमंत्री। (general education) इंदिरा गांधी ने भारत में शिक्षा नीति लागू की थी।
And साल था 1968 इसके बाद ठीक 18 साल बाद 1986 मैं राजीव गांधी जी ने बदलाव किए। और अब फिर से 34 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस नीति में बदलाव किए हैं। राजीव गांधी की शिक्षा नीति से प्रधानमंत्री मोदी जी के कैसे अलग है।
इस शिक्षा में ऐसा क्या है जो बच्चों (general education) और उनके माता-पिता दोनों को जाना चाहिए। और क्यों यह शिक्षा ले गए भारत के लिए यह जरूरी थी। इसी के बारे में हम आपको बताएंगे।
(education policy of India) general education
वैसे तो नहीं शिक्षा की नीति का दायरा बहुत बड़ा है। (general education) हम अपनी समझ के हिसाब से इसको मोटे तौर पर हम इसको दो हिस्सों में बांटते हैं। पहला है प्राइमरी एजुकेशन और दूसरा है हायर एजुकेशन because इसमें हम प्राइमरी के हुए बदलाव को समझने की कोशिश करते हैं।
Primary Education – general education
प्राइमरी एजुकेशन में पहले व्यवस्था थी। के क्लास 1 से क्लास 10 तक पढ़ाई होती थी। So 11वीं क्लास में विद्यार्थी को अपना सब्जेक्ट चुनने का अधिकार होता था।
और 12वीं में वह बोर्ड का एग्जाम देता था। फिर बाद में वह डिप्लोमा या कोर्स वगैरह करता था। But नई शिक्षा नीति में यह सब कुछ बदल गया है।
इसको समझने के लिए हम प्राइमरी को भी चार हिस्सों में बांट सकते हैं। इसे 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 का नाम दिया गया है। यह नंबर बच्चों की उम्र से जुड़े हैं। बच्चों की पढ़ाई शुरू करने के लिए (education policy of india) इसमें उम्र को निर्धारित किया गया है।
Foundation stage – general education
इसमें 8 साल तक के बच्चे की बच्चों की पढ़ाई होगी। 3 साल तक बच्चा आंगनवाड़ी में फ्रेश कॉलिंग करेगा। तब उसकी उम्र हो जाएगी 6 साल फिर 2 साल तक पहली और दूसरी क्लास की पढ़ाई स्कूल में करेगा।
so इस तरह से 8 साल के उम्र के बच्चे की पढ़ाई पूरी होगी। (general education) जिसके लिए नए सिरे से सिलेबस तैयार किया जाएगा।
Preparatory stage – general education
इसमें 11 साल के बच्चे तक, की पढ़ाई पूरी की जाएगी। (general education) इस स्टेज में बच्चे को कक्षा 3 से 5 तक का सिलेबस पढ़ाया जाएगा (education policy of india) इस दौरान बच्चों को साइंस मैथ और आर्ट्स के प्रैक्टिकल भी करवाई जाएगी।
Middle stage – general education
इसमें 11 साल के 14 साल के बच्चों की स्टडी होगी। इस स्टेज पर बच्चा 6 , 7 , 8 क्लास की पढ़ाई करेगा। 6 वी क्लास में बच्चे को कौशल क्लास की ट्रेनिंग दी जाएगी।
because इसके साथ ही इंटरनलशिप भी शुरू करवाई जाएगी। so बच्चों को अपना विषय चुनने का अधिकार इसी उम्र में ही मिल जाएगा।
Secondary stage – general education
इस स्टेज में 9 से 12 साल के बच्चों की पढ़ाई होगी। because इस स्टेज हुए बच्चे की उम्र 15 से 18 साल तक की हो गई रहेगी। इस स्टेज में बच्चों को उनके विषय के रिलेटेड बेहतर ढंग से बढ़ाया जाएगा।
and बच्चों को अपने पसंद का सब्जेक्ट चुनने की आजादी होगी। यह तो रहे बच्चों की उम्र से जुड़ी शिक्षा की बातें। so इसके साथ क्या-क्या आया है इसमें जोड़ वह भी आपको बताते हैं। पांचवी क्लास की शिक्षा मातृभाषा में होगी। general education यानी कि बच्चे की जो मदर टंग है।
so उसको एजुकेशन उसी में ही दी जाएगी। मदर टंग को आठवीं क्लास तक बढ़ाने का भी इसमें रोल रखा गया है। कि जो बच्चा है अपनी भाषा जिस भाषा में वो बात करता है उसको भाषा को आठवीं क्लास तक ही पढ़ा सकता है।
so किसी भी छात्र पर कोई भी भाषा ठोकी नहीं जाएगी। कक्षा 3, 4 और 8 स्कूल की परीक्षाएं होंगी। 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा होगी। but इसका स्वरूप बदल जाएगा। परीक्षा का स्वरूप ऐसा होगा।
यह किसी भी छात्र को कुछ रखना ना पड़े। साल के 10 दिन तक स्टूडेंट बिना बैग के स्कूल जाएगा। इस 10 दिनों में उसे इंटरनलशिप करवाई जाएगी। नेशनल एसेसमेंट मैं सेंटर बनाया जाएगा।
because इसमें छात्र की परफॉर्मेंस को तीन हिस्सों में देखा जाएगा। छात्र अपना आकलन खुद करेगा। दूसरा आकलन उसका क्लासमेंट करेगा। और तीसरा उसका टीचर करेगा।
the education policy of India – general education
because इन तीनों को मिलाकर देखा जाएगा कि स्टूडेंट की परफॉर्मेंस कैसी है इस सिस्टम को परख नाम दिया गया है। अंग्रेजी में इसका पूरा नियम है। (Performance Assessment Review And analytics Of knowledge for holistic Development)
So इसका लक्ष्य है कि साल 2030 तक कि देश के 3 से 18 साल तक की उम्र तक के बच्चे को शिक्षित बनाया जा सके। मतलब कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से सूट ना सके। So यह थी एक नई शिक्षा,