बादाम खाने के फायदे।
बादाम द्वारा चिकित्सा में बादाम मेवा जगत् में प्रकृति ने (Badam Khane Ke Fayde) को नयन की आकृति देकर इसके गौरव को अधिक ऊंचा उठा दिया । कोषाकारों ने प्रकृति के अमूल्य अनुदान का मूल्यांकन किया । उसे नेत्रोपम की संज्ञा से संबोधित किया । वास्तव नेत्रोपम है । यह शरीर को नववीर्य प्रदान करता है , नये रक्त का निर्माण करता है तथा मस्तिष्क को अभिनव शक्ति देता है और हृदय को बलशाली बनाता है ।
औषधि निर्माण में मुख्यतः कागजी बादाम प्रयुक्त होता है । बादाम स्निग्ध , मधुर , उष्णवीर्य है , बाजीकर है ; नाड़ी – संस्थान के लिए बल्य है , वात हर है । कफ – पित्त वर्धक है । Shilajit Ke fayde हरेक दृष्टि से मानव जाति के लिए उत्तम मेवा है ।
1. वीर्य स्खलन ।
वीर्य स्खलन : | जिनका वीर्य सम्भोग के आरम्भ होते ही स्खलित हो जाए , ( निकल जाये ) उन्हें बादाम की गिरी 6 , काली मिर्च 6 दाने , सौंउ 2 ग्राम मिश्री इच्छानुसार , इन सबको मिलाकर चबा – चबाकर खाएं , ऊपर से दूध पिएं ।
2. शरीर की पुष्टि।
शरीर की पुष्टि : बारह बादाम की गिरी रात को भिगो दें । सवेरे पीस लें । फिर कलई वाली पीतल की कढ़ाई में घी डालकर , उसमें पीसे हुए बादाम को डालकर सेकें । लाल होने से पहले ही आधा पाव दूध डालें । तीन उफान आ जाएं तो उतार कर ठंडा कर के चीनी मिलाकर पिएं । बादाम की गिरी और सौंफ समान मात्रा में बारीक कूट लें । एक चम्मच रात को सोते समय ठंडे पानी से लें । इससे स्मरण शक्ति बढ़ेगी , सिर – दर्द , कमजोरी दूर होगी , शरीर पुष्ट होगा , वीर्य बढ़ेगा , दुर्बलता दूर होगी ।
3. मस्तिष्क की दुर्बलता ।
मस्तिष्क की दुर्बलता : 10 बादाम रात को भिगो दें । सुबह छिलका उतार कर 12 . ग्राम मक्खन और मिश्री मिलाकर एक दो माह खाने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर हो जाती है । यदि सम्भव न हो तो 40 दिन तक सात बादाम , मिश्री , सौंफ- प्रत्येक दस ग्राम पीसकर रात को गर्म दूध से लेने से मस्तिष्क की दुर्बलता दूर होती है ; स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा उससे नेत्र ज्योति | तेज होती है । Gora Hone Ki Night Cream चश्मा लगाने की आवश्यकता नहीं रहती है ।
रात भर पानी न पियें । यदि यह भी न हो सके तो दस बादाम बारीक पीसकर आधा किलो दूध में मिलाएं । जब तीन उफान आ जायें तो उतार कर ठंडा कर के चीनी मिलाकर पिएं । बादाम की गिरी और सौंफ समान मात्रा में बारीक कूट लें । एक चम्मच रात को सोते समय ठंडे पानी से लें । इससे | स्मरण शक्ति बढ़ेगी , सिर दर्द , कमजोरी दूर होगी ।
4. कमी।
कमी : एक बादाम और एक छुआरा रात को पानी में भिगो दें । प्रातः दोनों को पीसकर मक्खन , मिश्री के साथ तीन माह खायें , मासिक धर्म खुलकर अच्छी मात्रा में होगा ।
5. नेत्र रोग।
नेत्र रोग : आंख के हर प्रकार के रोग- आंखों से पानी गिरना , आंख आना , आंखों की दुर्बलता , आंखों का थकना आदि में रात को बादाम की गिरी भिगोकर , प्रातः पीसकर कर पानी मिलाकर पी जाएं । ऊपर से दूध पिएं । सब तरह चक्षु रोग ठीक हो जाएंगे ।
6. चेचक।
चेचक : पांच बादाम पानी में भिगोकर , पीसकर पिलाने से चेचक के दाने शीघ्र भर जाते हैं । तथा जल्दी ठीक हो जाते हैं ।
7. मोटापा ।
मोटापा : बारह बादाम की गुली रात को पानी में भिगो दें । प्रातः छिलका उतार कर पीस लें । इसमें एक छटांक मक्खन और थोड़ी – सी शक्कर मिलाकर डबल रोटी के साथ खाएं । ऊपर से एक पाव दूध पी लें । छः महीने में मोटे हो जाएंगे और | मस्तिष्क भी तेज होगा ।
8. तुतलाहट।
STATE IN तुतलाहट : ( Stammering ) नित्य 12 बादाम भिगोकर , छील कर , पीसकर , आधा छटांक मक्खन मिलाकर कुछ महीने खाने से तुतलाना , हकलाना ठीक हो जाता है । साथ ही धीरे – धीरे लगा बोलने और बिना घबराहट के बोलने का प्रयत्न करना चाहिए । दस बादाम की गिरी , दस काली मिर्च दोनों को | बहुत बारीक पीस कर मिश्री मिलाकर चाटने से ठीक होता है ।
9. तुतलाना मूत्र की जलन।
तुतलाना मूत्र की जलन : पांच बादाम की गिरी भिगो दें और फिर छील कर इनमें | सात छोटी इलायची और स्वादानुसार मिश्री मिला कर पीस कर एक गिलास पानी में घोल कर सुबह – शाम दो बार पिएं तो ऐसा करने से पेशाब की जलन ठीक हो जाएगी ।
10. हड्डियों की मजबूती।
हड्डियों की मजबूती : बादाम में चूना , लोहा , फासफोरस अधिक पाया जाता है जो बच्चों की हड्डियां मजबूत करता है ।
11. सूखी खांसी ।
सूखी खांसी : सूखी खांसी में बादाम मुंह में रखने से गला तर रहता है , | खांसी में लाभ होता है । बार – बार निरन्तर खांसी उठती हो , लेकिन कफ बाहर नहीं आता हो तो पांच बादाम भिगो दें और फिर उन्हें छील कर उतनी ही मिश्री मिला कर सुबह – शाम दो बार चाटें । लाभ होगा ।