अगर आप एक प्लेन में सफर करते हो तो आपको जानना जरूरी है कि turn off aeroplane mode क्यों लगाते हैं? दोस्तों जब से फोन चला रहे हैं तब से हम अपने मोबाइल फोन और सेल फोन में देखते हैं कि वहां Aeroplan Mode होता है। और एक काम किस तरह से करता है।
क्या जानते है Turn off Aeroplane Mode के बारे में और जानेंगे अगर आपने प्लेन में जाकर अपने मोबाइल फोन को Aeroplan Mode पर नहीं डाला तो चलिए बताते हैं आपको हम सब एक कहानी शुरू होती है साल 2013 से 2013 में यूनाइटेड स्टेट्स कैपिटल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने यह सजेस्ट किया। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर एरोप्लेन मोड होना चाहिए। वरना यात्री के फोन को प्लेन में अलाउड नहीं किया जाएगा।
Federal Aviation Administration – Turn off Aeroplane Mode
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने ऐसा क्यों कहा सबसे पहले यह जानते हैं कि एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन है क्या? यूनाइटेड स्टेट की एविएशन एजेंसी है जो कि प्लेन को उड़ने में मदद करती है। यूएस उड़ने वाली हर फ्लाइट इन्हीं की देखरेख में होती है। लेकिन दोस्तो ऐसा क्या हुआ जो
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन नहीं, ऐसा करने को कहा। इसके पीछे वजह यह है कि फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन यह जान चुका था। अगर प्लेन में सेलफोन का प्रयोग एयरप्लेन मोड किया गया तो कितना बड़ा खतरा सकता है? क्या जानना चाहेंगे कि वह खतरा क्या है आइए जानते हैं.
Turn off Aeroplane Mode – फ्रेंड्स पहले पूरी दुनिया में वायर वाले फोन हुआ करते हैं लेकिन अब पूरी दुनिया में लगभग सभी के पास वायरलेस फोन है। वायर वाले PHONES शायद ही कोई प्रयोग करता हूं, लेकिन ऐसा नहीं है कि वह पूरी तरह से खत्म हो गए हैं। अभी भी कई जगहों पर वायर वाले फोन का प्रयोग किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों ही तरफ के phones में फर्क है।
वायर फोन चलता है। नेटवर्क के माध्यम से अलग-अलग नेटवर्क से हर समय जुड़ा रहता है और फेस के माध्यम से इसके सारे फंक्शन काम करते हैं। एरोप्लेन मोड का क्या काम होता है? एरोप्लेन मोड का काम होता है कि वह निकलती हुई बेवकूफ रोक दें। यानि कि जैसे ही आप अपने मोबाइल फोन में एरोप्लेन मोड शुरू करते हैं।
आपका फोन एक डब्बे में बदल जाता है। इसके अंदर किसी भी तरह का ऑपरेशन आप ऑनलाइन नहीं कर सकते हैं। हालांकि ऑफलाइन कंटेंट को नुकसान नहीं पहुंचाता। आपके मन में यह सवाल भी चल रहा होगा। एरोप्लेन मोड की जगह फोन को स्विच ऑफ भी तो किया जा सकता है।लेकिन ऐसा नहीं है,
ऐसा क्यों नहीं है क्योंकि जब आप अपने फोन को स्विच ऑफ करते हैं, पर आपके पास किसी की कॉल आती है तब कॉलर को सुनाई पड़ता है कि आपका फोन स्विच ऑफ है यानी कि वह कॉल आपके नेटवर्क तो जाती है, लेकिन आप के फोन स्विच ऑफ होने के कारण आप तक नहीं पहुंच पाते।
Turn off Aeroplane Mode – अगर बात करें एरोप्लेन मोड की तो जब भी एरोप्लेन मोड में कॉल आती है तब क्या होता है तब होता यह है कि कॉल जो है वह आपके नेटवर्क भी नहीं पहुंच पाती और कॉल करने वाले व्यक्ति हनी की कॉल को सुनाई पड़ता है कि नेटवर्क नॉट फाउंड। एरोप्लेन मोड के दौरान आपके फोन की वेश निकलनी बंद हो जाती हैं, जबकि स्विच ऑफ के दौरान बस निकलती रहती है।
अगर आपने अपने फोन को एयरप्लेन मोड पर डाला है तो जब तक आप अपने फोन को एयरप्लेन मोड से हटा दे नहीं कोई भी आपको Track नहीं कर सकता। लेकिन ऐसा स्विच ऑफ नहीं है जब जब आपका फोन स्विच ऑफ होता है तब उसे आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। अभी जानना है कि फ्लाइट में इसका क्या उपयोग होगा।
Turn off Aeroplane Mode इसका उपयोग किस लिए किया जाता है ताकि फोन की ऑन रहने पर उसमें से किसी भी तरह की कोई वेब ना निकले। क्योंकि दोस्तों यह वेब प्लेन को दिशा से भटका सकती है। जिसके कारण प्लेन खतरे में पड़ सकता है।यह एक सिग्नल के कारण नहीं होता।
काफी सारे फोन प्लेन में ऑन हो तो ऐसा हो सकता है। वैसे प्लेन में भी वाईफाई मिल जाता है पर उसके लिए आपको एक्स्ट्रा चार्ज देने पड़ते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि उससे भी तो खतरा हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं है वायरलेस फोन जो होते हैं वह बॉप्स की मदद से काम करता है।
इंटरनेट में ही बेब्स से काम करता है।और इन बेब्स से होता है प्लेन को खतरा। जो फ्लाइट में इंटरनेट होता है
Turn off Aeroplane Mode – वह हमारे फोन से अलग होता है।क्योंकि फ्लाइट्स का इंटरनेट आता है सेटेलाइट से। यह बहुत इंटरेस्टिंग है कि कैसे 35000 कोट pe काम करता है। आइए जानते हैं थोड़ा शॉर्ट में एरोप्लेन में दो तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं। पहला होता है ग्राउंड पर और दूसरा होता है। सेटेलाइट एयरप्लेन बहुत ही होता है।
Turn off Aeroplane Mode तब तक ग्राउंड मोड वाले सिस्टम का यूज किया जाता है। यह बहुत सिंपल तरीके से काम करता है जैसा कि हमारे मोबाइल फोन काम करते हैं।दूसरा मोड आता है। सेटेलाइट यह भी नेटवर्क बोर्ड की तरह काम करता है, aeroplane mode means लेकिन इसमें नेटवर्क की जगह होता है। सेटेलाइट जैसे हम कहीं भी ट्रैवल करते हैं। तब हम अलग-अलग नेटवर्क के कनेक्शन से आते रहते हैं और हमारा फोन चलता रहता है। उसी तरह जब फ्लाइट जैसे-जैसे आगे बढ़ती रहती है, अलग-अलग सेटेलाइट से उसका कनेक्शन होता रहता है। दोस्तों यह भी हमारी आज की जानकारी।