Tulsi Ke Fayde
तुलसी द्वारा चिकित्सा हमारी भारतीय परंपरा में तुलसी के पौधों को बड़ा ही पवित्र माना गया है । (Tulsi Ke Fayde In Hindi) प्रत्येक हिन्दू परिवार में नित्य प्रात काल इसकी पूजा , अर्चना की जाती है । इसकी पत्तियों के द्वारा अनेक रोगों की चिकित्सा की जाती है ।
Tulsi Ke Fayde In Hindi
दस्त : | तुलसी और पान का रस समान मात्रा में गर्म करके पिलाने से बच्चों के दस्त साफ आते हैं , पेट फूलना , अफारा ठीक हो जाता है ।
दमा : | तुलसी के रस में बलगम को पतला कर निकालने का गुण है । इसलिए यह जुकाम , खांसी में उपयोगी है । तुलसी का रस , शहद , अंदरक का रस , प्याज का रस मिलाकर लेने से दमा खांसी में बहुत लाभ होता है ।
घाव : तुलसी की पत्तियों को छाया में सुखाकर बारीक पीसकर कपड़े से छानकर घाव पर छिड़कने से घाव भर जाता है । | इसके पत्तों को पीसकर भी लगा सकते हैं ।
घाव का सड़ना : तुलसी के पत्तों को उबालकर उस पानी से घावों को धोएं । तुलसी के पत्तों का चूर्ण घावों पर छिड़कें । तुलसी के पत्तों के रस में पतला कपड़ा ( गाज ) भिगोकर पट्टी बांधें ।
सर्दी : ज्वर , खांसी श्वास रोग में तुलसी की पत्तियों का रस तीन ग्राम , अदरक का रस तीन ग्राम , शहद 5 ग्राम मिलाकर सुबह शाम चाटें , लाभ होगा ।
कफ : जुकाम खांसी गलशोथ , फेफड़ों में कफ जमा हो तो तुलसी के सूखे पत्ते , कत्था , कपूर और इलायची समभाग , नौगुनी शक्कर के साथ सबको बारीक पीस लें । Adrak Ke 28 Fayde । इसे चुटकी भर सुबह , शाम सेवन करने से जमा हुआ कफ निकल जाता है ।
दुर्गन्ध : ( नाक में दुर्गन्ध ) तुलसी के पत्तों का रस या पिसे हुए सूखे पत्ते सूंघने से नाक की दुर्गन्ध दूर होती है और कीड़े मर जाते हैं ।
ज्वर : दल तुलसी के पत्ते , तीन ग्राम सौंठ , पांच लौंग , इक्कीस काली मिर्च स्वाद के अनुसार चीनी डाल कर उबालें । जब पानी आधा रह जाए तो रोगी को पिलाएं । ज्वर उतर जाएगा । यदि ज्वर में घबराहट हो तो तुलसी के पत्तों के रस में शक्कर मिला कर शर्बत बनाकर पिलाएं ।
खांसी: ( जीर्ण ज्वर और खांसी ) जीर्ण ज्वर हो गया हो और साथ ही ऐसी खांसी हो जिससे छाती में दर्द हो तो तुलसी के पत्तों के रस में मिश्री मिला कर पीने से लाभ होता है ।
खराश : गले में खराश खट्टी चीजें खाने से हो तो 25 तुलसी के पत्ते थोड़ी अदरक के साथ पीसकर शहद में मिलाकर चाटें खराश दूर हो जाएगी।
चाय के लाभ : चाय ( तुलसी की चाय ) लोग नित्य आदत के रूप में चाय पीते हैं , यह हानिकारक है । चाय के स्थान पर तुलसी की चाय काम में लेने से अनेक रोग दूर होंगे तथा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । Gora Hone Ki Night Cream। छाया में सूखी हुई तुलसी की पत्ती 50 ग्राम , बनफशा , सौंठ , ब्राह्मी बूंटी , लाल चन्दन , प्रत्येक 30 ग्राम , इलायची , दाल – चीनी हरेक दस ग्राम मिलाकर कूट लें और इसे चाय के समान पानी में डालकर चाय बनाएं तथा दूध – शक्कर मिलाकर पिएं । इससे सामान्य ज्वर , जुकाम , छींके आना ठीक हो जाएगा ।
सफेद दाग : ( Leucoderma ) खुजली की फुंसियां , घाव आदि पर | तुलसी का तेल नित्य तीन बार लगाने से लाभ होता है । एक जड़ सहित तुलसी का पौधा लें । इसे धोकर मिट्टी आदि साफ कर लें । Tulsi Ke Fayde In Hindi फिर इसे कूटकर आधा किलो पानी , आधा किलो तिल के तेल में मिलाकर धीमी – धीमी आंच पर पकाएं । पानी जल जाने और तेल बचने पर मलकर छान लें । यह तुलसी का तेल बन गया , इसे लगाएं ।
जलना , चर्मरोग : ( जलना , खुजली , फोड़े , फुंसी के लिए तुलसी का मरहम ) | तुलसी के पत्तों का रस 250 ग्राम , नारियल का तेल 250 ग्राम , दोनों को मिलाकर धीमी आग पर गर्म करें । जल का भाग जल जाने पर गर्म तेल में ही 12 ग्राम मोम डालकर | हिलाएं । यह मरहम तैयार है । ऊपर लिखे सब रोगों में लाभदायक है । चेहरे पर काली छाया हटाने की बेस्ट क्रीम कौन सी है?
पेशाब में जलन : होने पर 20 तुलसी की पत्ती चबाने से होता है । पेशाब की जलन दूर होती है।
बच्चों के रोग : पेट फूलना , दस्त , खांसी , सर्दी , जुकाम , उल्टी होने पर तुलसी के पत्तों के रस में चीनी मिलाकर शर्बत बना लें । इसकी एक छोटी चम्मच पिलाएं , ये सब रोग ठीक हो जाएंगे । इसके नियमित प्रयोग से बच्चा स्वस्थ रहता है । बच्चों का उत्तम स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए तुलसी , अदरक का रस गर्म करके ठंडा होने पर शहद मिलाकर पिलाएं ।
बहता जुकाम : दस तुलसी के पत्ते , पांच काली मिर्च पानी में मिलाकर चाय की तरह उबालें । फिर इसमें थोड़ा – सा गुड़ और देशी घी या सैंधा नमक डाल कर पिएं । इससे जुकाम में लाभ होता है । केवल तुलसी के पत्तों के काढ़े से भी जुकाम ठीक हो जाता है । तुलसी के पत्ते , काली मिर्च और सौंठ को चाय की तरह उबाल कर शक्कर , दूध मिलाकर पिलाने से जुकाम में आराम होता है । तुलसी की पत्तियों को सुखाकर पीसकर सूंघने से बहता जुकाम रुक जाता है । बच्चों की सर्दी , खांसी , कफ की गड़गड़ाहट में तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है । coding kya hai
सर्व रोग नाशक : तुलसी की प्रकृति गर्म है इसलिए गर्मियों में इसका प्रयोग कम मात्रा में करें । बड़ों के लिए 25 से 100 पत्ते एवं बालकों के लिए , 5 से 25 पत्ते एक बार में पीस कर , शहद या गुड़ मिलाकर नित्य तीन बार 2-3 माह लें । प्रातः भूखे पेट पहली मात्रा लें ।
इस विधि से लेने से गठिया आथराइटिस , ओस्टियो आर्थराइटिस , स्नायुशूल , गुर्दों की खराबी से सूजन , पथरी , सफेद दाग ( Leucoderma ) रक्त में चर्बी ( Blood Cholestrol ) बढ़ना , मोटापा , कब्ज , गैस अम्लता ( Acidity ) पेचिश , कोलाइटिस , प्रास्टेट के रोग , मानसिक रूप से मंद बुद्धि ( Mentally Retarted ) , बच्चे का सर्दी – जुकाम बिवर – प्रदाह ( Sinusitis ) , बार – बार बुखार ( Fever ) आना , घाव भरना , टूटी हुई हड्डियां जल्दी जुड़ना , घाव शीघ्र भरना , कैंसर , बिवाइयां , दमा , श्वास रोग , एजर्ली , आंखें दुखना , विटामिन – ए और बी की कमी दूर होना , खसरा सिर – दर्द , आधे सिर का दर्द आदि दूर हो जाते हैं ।
बालों की समस्या : ( बाल गिरना , सफेद होना ) यदि कम आयु में बाल गिरते हों , सफेद हो गये हों , तो तुलसी के पत्ते और आंवले का चूर्ण पानी में मिलाकर सिर में मलें । दस मिनट बाद सिर धोलें । इससे बालों की जड़े मजबूत होती हैं तथा बाल काले होते हैं । इस बात की सावधानी रखें कि लगाते व सिर धोते समय इसका पानी आंखों में न चला जाए ।
मोटापा : तुलसी के पत्तों का रस 10 बूंद एवं शहद दो चम्मच एक गिलास पानी में मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा कम होता है ।
खांसी : पांच लौंग भूनकर तुलसी के पत्तों के साथ चबाने से सब तरह की खांसी में लाभ होता है । केवल तुलसी के पत्तों के काढ़े से भी खांसी ठीक होती है । तुलसी की सूखी पत्तियां और मिश्री चार ग्राम की एक मात्रा लेने से खांसी और फेफड़ों की घड़घड़ाहट दूर हो जाती है ।
तुलसी के पत्ते और काली मिर्च समान भाग लेकर पीस लें । इसकी मूंग के बराबर गोलियां बना लें । एक गोली चार बार दें । इससे कूकर खांसी भी ठीक हो जाती है । तुलसी , अदरक और प्याज का रस शहद के साथ सेवन करने से खांसी में लाभ होता है । बलगम बाहर आ जाती है ।
तुलसी की 12 ग्राम हरी पत्तियों का काढ़ा बना कर उसमें चीनी , गाय का दूध मिलाकर पीने से खांसी और छाती का दर्द दूर होता है । तुलसी का सूखा चूर्ण , शहद में मिलाकर चाटने से खांसी में आराम होता है । तुलसी , अदरक समान मात्रा में पीसकर एक चम्मच रस निकालें । इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर चाटें । Chehra Saaf Karne Ka Tarika । इससे खांसी , गले के रोग ठीक हो जाते हैं । 3 ग्राम तुलसी का रस , 6 ग्राम मिश्री ; तीन काली मिर्च मिलाकर लेने से छाती के जकड़ने , पुराने बुखार औ में लाभ होता है ।
कान का रोग : ( सुनने में गड़बड़ी , कान का दर्द ) तुलसी के पत्तों का रस गर्म करके चार बूंद कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है । कान बहता हो तो लगातार कुछ दिन डालने से लाभ होता है । पीनस , नाक में दर्द , घाव , फुन्सी हो तो तुलसी के सूखे पत्तों को पीस कर सूंघने से लाभ होता है ।
मस्तिष्क की गर्मी : तुलसी के पांच पत्ते और काली मिर्च पीस लें । इसे एक गिलास पानी में मिलाकर प्रातः 21 दिन पिएं । यह मस्तिष्क | की गर्मी दूर करने की शक्ति प्रदान करता है ।
शक्तिवर्धक : शौचादि से निवृत होकर प्रातः तुलसी के पांच पत्ते पानी के साथ निगल जाने से बल , तेज और स्मरण शक्ति बढ़ती है । तुलसी के पत्तों का रस 8 पानी में मिलाकर नित्य पीने से मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं । Best Orange Ke Fayde तुलसी के बीज दूध में उबालकर शक्कर मिलाकर पीने से ताकत बढ़ती है ।
मिरगी : नाक तुलसी के पत्तों को पीसकर मिरगी वाले स्त्री या पुरुष के सारे शरीर पर प्रतिदिन मालिश करने से लाभ होता है । तुलसी के हरे पत्तों को पीसकर नमक मिलाकर उसका रस में डालने से बेहोशी , मूर्च्छा में लाभ होता है ।
मलेरिया : नित्य तुलसी के पत्तों का सेवन करने से मलेरिया नहीं होता । मलेरिया हो जाये तो बुखार उतरने पर प्रातः 15 तुलसी के पत्ते और 10 काली मिर्च खाने से पुनः मलेरिया बुखार नहीं चढ़ता । तुलसी के सेवन से सभी प्रकार के ज्वरों में लाभ होता है । तुलसी के पत्ते , 10 काली मिर्च , दो चम्मच शक्कर का काढ़ा बनाकर पीने से मलेरिया में लाभ होता है ।