हेलो फ्रेंड्स आज हम बात करेंगे (wishes for ganesh chaturthi) और भी आपको इसके बारे में बताएंगे। पहले बात कर लेते हैं कि कहीं आप भी तो ऐसे विश नहीं करते Happy Ganesh Chaturthi.
या फिर इस तरह से की Wish you Happy Ganesh Chaturthi अगर आप भी इसी तरह बाकी लोगों की तरह बोलते हो so आप अगर जाते हैं कि आप कुछ अलग तरीके से करें। अपने स्पेशल लोगों को या फिर अपने दोस्तों को तो जो हम आपको सबसे पहले विश बताने वाले हैं वह है।
Sankashti Chaturthi June 2021
May lord Ganesha keep Enlightening you lives and bless you always. Wishing you a Happy Ganesh Chaturthi.
जो हमारे नेक्स्ट wish है, वह कुछ इस तरह से हैं।
May lord ganesha destroy yours worries sorrows Happy Ganesh Chaturthi.
और अगर आप बहुत सिंपल वे से विश करना चाहते हो तो आप ऐसे भी कह सकते हो.
Happy Ganesh Chaturthi.
Or
Happy vinayaka Chaturthi.
अभी जो हमें विश करने जा रहे हैं, वह थोड़ा लंबा है पर आप अपने व्हाट्सएप स्टेटस फेसबुक इंस्टाग्राम पर लगा सकते हो आराम से।
May Lord Ganesha bestow you power destroy your sorrows and enhance happiness in your life Happy Ganesh Chaturthi.आप अपने सभी फ्रेंड्स को रिलेटिव रिश्तेदारों को ऐसे विश कर सकते हो,
About Ganesh Chaturthi
(Sankashti Chaturthi June 2021) गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्यौहार है। जो सैकड़ों वर्षो से चला आ रहा है। वास्तव में पहली बार गणेश चतुर्थी कब मनाई गई थी।
इसके बारे में तो वैसे कोई जानकारी नहीं है। but हिस्ट्री के अनुसार सबसे पहला गणेश चतुर्थी उत्सव Satavahana rastra kut chalukya मैं मनाया गया था। यह वह वंश थे। जो मध्य उत्तर जो दक्षिण भारत में शासन करते थे। लेकिन 8 फरवरी के आते आते अब गवर्नमेंट ने राज करना शुरू किया।
तब दबाव के चलते। जो त्योहारों पर ब्रिटिश ने बैन लगा दिया। तब भारतीय सेना ने और राष्ट्रीय नेताओं ने एक साथ मिलकर ब्रिटिश का विरोध किया। भारतीय सेना और राष्ट्रीय नेताओं ने एक बाल गंगाधर तिलक थे।
जिन्होंने ब्रिटिश राज्य में गणेश उत्सव को वापस लेकर आया। 1993 में गणेश उत्सव। धार्मिक और अस्थाई ग्रुप में उपस्थित किया गया। और फिर उसे उसी जोश के साथ मनाना शुरू किया गया।
अगर इससे पहले बात करें तो हिस्ट्री के अनुसार गणेश चतुर्थी उत्सव महाराष्ट्र में बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।
पुरानी कथाओं के साथ। इस दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। माता पार्वती जी ने अपने महल से श्री गणेश जी को उत्पन्न किया था।
Sankashti Chaturthi June 2021 औरत रे पहरेदार के रूप में स्थापित किया था। because मां की रक्षा 1 पुत्र से बढ़कर कोई नहीं कर सकता। लेकर शिवजी जी को इस बात का पता नहीं था। और जब उन्होंने घर में प्रवेश किया। और फिर गणेश ने शिवजी जी को रोक दिया और आगे ना जाने की सलाह दी।
शिव जी ने कहा कि तुम मेरे घर में जाने से नहीं रोक सकते।
इसी बात से उन दोनों में लड़ाई हो गई और शिव जी जी ने गणेश जी का सिर काट दिया। फिर जब माता पार्वती जी को इस बात का पता चला तो वह क्रोधित हो गई। और तांडव मचाना शुरू कर दिया।
so उनका तांडव शांत करने के लिए सभी देवताओं ने वहां पर प्रवेश किया। बाद में पार्वती माता जी ने पुत्र जीवन का वरदान मांगा। तब विवश होकर शिवजी जी की सलाह के अनुसार विष्णु के द्वारा दक्षिण दिशा में एक जीवित जीव का सिर काटा और उस हाथी के सिर को फिर से गणेश जी को जीवित किया गया। गणेश चतुर्थी एक जोश और उत्सव का त्यौहार है।
(Sankashti Chaturthi June 2021) भारत के साथ-साथ Thailand Cambodia Indonesia America Australia Nepal ऐसे देशों में भी गणेश चतुर्थी के त्योहार को बहुत ही जोश के साथ मनाया जाता है।
Sankashti Chaturthi June 2021 time – wishes for Ganesh Chaturthi
Sankashti Chaturthi June 2021 गणेश चतुर्थी ( 22 अगस्त ) पर भी व्यक्ति अपने काम को पूर्ण करना या चाहता है , so उसे सर्वप्रथम अपनी बुद्धि को ज्ञान के द्वारा ही कोई व्यक्ति जीवन की परखना होगा , उस पर विश्वास करना की । जटिलताओं के बावजूद अपने लिए सही होगा और उसके प्रयोग से सफलता है ।
राह का चयन कर ही लेता है । इसी को प्राप्त करनी होगी । गणेश जी मंगलकर्ता सद्ज्ञान कहते है । ज्ञान की बाहक है बुद्धि । और विघ्नविनाशक हैं । अर्थात बुद्धि के हम सभी बुद्धि द्वारा ही संचालित होते है ।
सट्योग से सारी बाधाएं दूर हो जाती है । बुद्धि पारा हो जगत के सभी कार्य संपन्न श्रीगणेश का स्वरूप अत्यंत प्रेरणा देने होते है । शायद यही कारण है कि ईश्वर ने वाला है । इनका विशाल गजमुख बुद्धि की मनुष्य के मस्तिष्क को सबसे ऊपर स्थान विशालता का ही परिचायक उन्होंने दिया ।
so यही कारण था कि बुद्धि के मस्तक पर चंद्रमा को धारण किया हुआ देवता गणेश जी को सर्वप्रथम पूजने का भी है । चंद्र शीतलता का प्रतीक है । बुद्धि तभी विधान बना । हमारे अध्यात्म में बुद्धि की सही ढंग से कार्य करती है , जब दिमाग महत्ता को सिद्ध करने का यह एक विशेष ठंय रहे ।
ठंडे दिमाग से किए गए कार्यों की प्रयोजन है । गुणवत्ता अधिक होती है । इसी प्रकार , जब गणेश जी हमें संदेश देते हैं कि बुद्धि जीवन में कठिन क्षण आते हैं , तब भी यदि का किस तरह उपयोग किया जाए ।
हम ठंडे दिमाग से उसका हल निकालेंगे , यदि हमारे भीतर सद्बुद्धि है , हम अच्छे तो हम कठिनाइयों को पार कर लेते हैं । कार्यों की ओर प्रवृत्त होते हैं , वहीं वृद्धि गणेश जी के कान और नाक ( सूइ ) हमें गलत कामों की ओर प्रवृत्त कर देती विशाल है , जबकि मुंह उनकी तुलना में है ।
गलत काम भले ही बुद्धि से किए गए छोटा है । इसका मर्म यह है कि व्यकिा को हो , उनका परिणाम हमेशा गलत सभी की बात सुननी चाहिए और स्थितियों ही आता है ।
गलत काम करने वालों को को सदैव सूंघ लेना चाहिए , हम जो जीवन में शांति नहीं मिलती। ऐसे में हम भी बात बोले , उसे कम और तोल – परख गलत रास्ते पर न चलें , यह अत्यावश्यक कर बोलें । जो बुद्धि का सम्मान करता है ।
गणेश पूजा का निहितार्थ यही है कि और बुद्धि को सद्कार्यों में लगाता है , वह हम बुद्धि को तो सर्वोपरि मानें , बुद्धिमान अथवा बुद्धिजीवी कहलाता है । ये इसके बावजूद हमारे कार्यों और व्यवहार लोग नए विचारों से मानवीय चेतना का में सद्बुद्धि की छाप हो । बुद्धि के ही अन्वेषण करते हैं ।
उपयोग से अज विज्ञान समृद्ध हुआ है मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी और तकनीक ने हमारे जीवन को आसान के दिन बुद्धि के देवता गणेश जी का बनाया है । but हम तकनीक का प्रयोग आविर्भाव हुआ था ।
इस दिन गणेश जी -8 भी इस प्रकार करें कि अपने और दूसरों की विधि – विधान से पूजा की जाती है और के जीवन में खुशहाली ला सकें । यह हमें गणेश उत्सव मनाया जाता है ।
इस बार गणेश जी से ही सीखने को मिलता है कोरोना काल में भले ही समारोहपूर्वक कि हम सदैव वृद्धि को सकारात्मक और उत्सव हम न मना सकें , but हमें सृजनात्मक कार्यों में ही लगाएं । गणपति के संदेश को समझना चाहिए कि गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता कहा हम अपनी बुद्धि को सहकार्यों में लगाएं ।
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