Road construction of missile radar in the country – मिसाइल रडार का निर्माण

Road construction

Road construction सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सरकार ने बड़ा एलान किया है । (Road construction) रक्षा मंत्रालय ने 101 रक्षा उपकरणों और हथियारों के आयात पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है ।

अलग अलग श्रेणियों के हथियारों और उपकरणों के आयात पर चरणबद्ध तरीके से अगले चार साल में यह पाबंदी लागू होगी ।

because रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका एलान करते हुए कहा कि इन रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक से देश में रक्षा उत्पादन के साथ ‘ आत्मनिर्भर भारत ‘ अभियान को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा ।

क्रूज मिसाइल से लेकर हल्के युद्धक हेलीकॉप्टर व असॉल्ट राइफल – आर्टिलरी गन से लेकर ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट तक का निर्माण देश में ही किया जाएगा ।

स्वदेशी रक्षा क्षेत्र को बड़ी छलांग देने के साथ हथियारों की आपूर्ति के लिए विदेशी निर्भरता घटाने की दिशा में सरकार का यह अब तक का सबसे बड़ा कदम है ।

but इस फैसले के बाद अगले छह – सात वर्षों में घरेलू रक्षा कंपनियों को चार लाख करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा खरीद के ऑर्डर मिलेंगे । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह पाबंदी चरणबद्ध रूप से दिसंबर , 2020 से दिसंबर , 2024 के बीच लागू होगी ।

हा कि यह पाबंदी चरणबद्ध रूप से दिसंबर , 2020 से दिसंबर , 2024 के बीच लागू होगी । रक्षा मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 12 मई को प्रधानमंत्री के ‘ आत्मनिर्भर भारत ‘ अभियान की घोषणा के अनुरूप रक्षा मंत्रालय ने यह कदम उठाया है । मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग ने पाबंदी वाले इन हथियारों की लिस्ट बनाई है ।

सूची तैयार करने से पूर्व सेना , नौसेना and वायुसेना के साथ साथ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ( डीआरडीओ ) से भी विमर्श HEA किया गया था ।

घरेलू कंपनियां इन क्षेत्रों में तीनों सेनाओं की रक्षा जरूरतों के हिसाब से हथियारों व उपकरणों के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगी ।

राजनाथ ने कहा कि इन रक्षा उपकरणों – Road construction हथियारों के आयात But पाबंदी लगाने से पूर्व गंभीर मंत्रणा की गई कि सेना की ऑपरेशनल गतिविधियां प्रभावित न हों । उपकरणों का निर्माण देश में तय समयसीमा में किया जा सके इसका भी विश्लेषण किया गया है ।

आयात पर रोक को चार साल में चरणबद्ध तरीके से इसीलिए लागू किया जाएगा ताकि सेना की कार्यक्षमता प्रभावित न हो । राजनाथ के मुताबिक देश के रक्षा क्षेत्र में घरेलू कंपनियों के आने से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे ।

Road construction because हथियारों – उपकरणों के लिए विदेश पर मौजूदा निर्भरता का उदाहरण देते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल , 2015 से अगस्त , 2020 के दौरान तीनों सेनाओं ने करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से 260 रक्षा उपकरणों की विदेश से खरीद की है ।


Stop their debut
– Road construction

Construction of missile सूची में आर्टिलरी गन , जमीन से हवा में मारकरनेवाली मिसाइल , नौसेना की कूज मिसाइल.द्राय सीमा के पारतकहवा से हया मे मारकरनेवाली मिसाइल इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सिस्टम , पटी सबमरीन किट लांचर , बेसिक ट्रेनर एयरकापट ट्रांसपोर्ट विमान , रडार , बुलेट पूफ जैकेट रॉकेटलावर , मल्टी बैरल किटलावर , मिसाइल डेस्ट्रॉयर , मशीन गन समेत कई अन्य सैन्य उपकरण व हथियार शामिल है ।

Impact – Road construction

So इससे घरेलू रक्षा कंपनियों को पांच से सात साल में चार लाख करोड़ रुपये के रक्षाखरीद ऑर्डर मिलने का अनुमान है । इसमें सेना के 1.30 लाख करोड़ , वायुसेना के 1.30 लाख करोड़ व नौसेना के 1.40 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर हो सकते हैं ।

but अभी भारत इन उपकरणों के लिए अमेरिका , इजरायल , इंग्लैंड , फ्रांस औररूस पर निर्भर है । इस तरह लगेगी पाबंदी पहले चरण में दिसंबर , 2020 तक 69 उपकरणों के आयात पर रोक लग जाएगी ।

दिसंबर , 2021 के बाद व्हील्ड आर्ड फाइटिंग व्हीकल , लाइट मशीन गन और ग्रेनेड जैसे हथियारों – उपकरणों के आयात पर भारत पाबंदी लगा देगा । दिसंबर , 2022 तक अंडर बैरत ग्रेनेड लांचर , हल्के रॉकेट लांचर के आयात रोक दिए जाएंगे ।

so दिसंबर , 2023 तक दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और बेसिक ट्रेनर एयरक्रॉपट आदिके आयात पर पाबंदी लगा दी जाएगी । दिसंबर , 2024 से हल्के इंजन वाले जेट का आयात रोक दिया जाएगा । लंबी दूरी की लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों का आयात दिसबर , 2025 से रोक दिया जाएगा ।

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