ठंड के दिनों में सांस संबंधी बीमारियों की संख्या में होता है इजाफा । ऐसे में पराली या (Fireworks पटाखे) जलाने से निकलने वाला धुआं स्वास्थ्य के लिए होगा बड़ी चुनौती । बेहतर है कि संक्रमण से बचने के सभी उपायों को गंभीरता से अपनाया जाए … पराली जलाने से निकलने वाला धुआं और दीवाली में पटाखे जलाने से होने वाला प्रदूषण । इन दोनों से कोरोना मरीजों के लिए परेशानी बढ़ना तय है ।
Fireworks इसकी वजह है कि धुएं में मौजूद प्रदूषक ( पाल्युटेंट ) एलर्जी पैदा करते हैं और एलर्जी होने से खांसी व सांस लेने की दिक्कत होती है । सर्दी के मौसम में वैसे भी एलर्जी , अस्थमा , सीओपीडी समेत , सांस नली में संक्रमण व फेफड़े की बीमारी के करीब 30 फीसद मरीज बढ़ जाते हैं । सर्दियों में ठंडी हवा सांस नली में सिकुड़न पैदा करती है , जो फेफड़ों की सेहत के लिए ठीक नहीं ।
Fireworks पटाखे जलाने से धूल के बड़े व छोटे कण और ( पीएम -10 , पीएम 2.5 ) हानिकारिक गैसों का हवा में स्तर बढ़ जाता है । ठंड के चलते जल्दी से यह प्रदूषण कम भी नहीं होता है । सर्दी शुरू हो रही है सो जाहिर है कि यह समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है । दीवाली के बाद हर साल एलर्जी और अस्थमा के मरीज बढ़ जाते हैं और अभी कोरोना का संक्रमण जारी है
। इसे ध्यान में रखते हुए पटाखे जलाने से बचें । उनके बारे में विचार किया जाए , जो कोरोना से पीड़ित होकर अस्पतालों में गंभीर हालत में भर्ती हैं या कोरोना से मुक्ति के बाद फाइब्रोसिस की समस्या से जूझ रहे हैं ।
Herd immunity coronavirus – Fireworks
प्रतिरोधक क्षमता होती है प्रभावित – Fireworks लगातार प्रदूषण में रहने से प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है । जो लोग कोरोना से संक्रमित हैं , उनके लिए तो प्रदूषण बड़ा खतरा है । हर किसी को यह बात अच्छी तरह समझनी चाहिए कि कोरोना के मरीज कम भले हो गए हैं , लेकिन बीमारी अभी गई नहीं है और यह कब तक रहेगी , यह कह पाना भी मुश्किल है । इसलिए आप अपनी सेहत का ध्यान जरूर रखें
जो देश भारत से पहले कोरोना की चपेट में आए थे , वहां अभी भी मरीज मिल रहे हैं । स्वास्थ्य के प्रति इस खतरे को देखते हुए बुजुर्ग लोगों को कोरोना ही नहीं , दीवाली में पटाखों के धुएं से भी बचाना हमारी जिम्मेदारी है ।
smoke background – Fireworks
धुआं और सर्दी से बढ़ सकता है खतरा – Fireworks इस संबंध में कोई अध्ययन नहीं है कि प्रदूषण का स्तर कितना बढ़ने पर कोरोना मरीजों के स्वस्थ पर क्या असर पड़ेगा पर यह तय है। कि फेफड़े की तकलीफ और कोरोना , दोनों होने परसेहत पर प्रभाव जरूर पड़ेगा । कोरोना के कई ऐसे मरीज मिले , जिनका ऑक्सीजन स्तर सामान्य रहा , लेकिन सीटी स्कैन में बदलाव देखने को मिले । जो लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं , भले ही उनका ऑक्सीजन का स्तर सामान्य रहा है , उन्हें भी सावधान रहने की जरूरत है ।
Here to Heart – Fireworks
सतर्क रहें दिल के मरीज – Fireworks कोविड -19 में खून गाढ़ा हो जाता है । बीपी के मरीजों को इसका ज्यादा खतरा रहता है । इससे ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है । कोरोना मरीजों को खून पतला करने की दवाएं दी जाती हैं । बीपी और डायविटीज के मरीजों को चाहिए वह अपनी दवाएं और चिकित्सक से परामर्श लेते रहें ।