Corona update – कोरोना से होगी लंबी लड़ाई

(corona update) कोरोना संक्रमण के उपचार के बाद मरीज स्वस्थ तो हो जाता है But शारीरिक रूप से बेहद कमजोर पड़ जाता है। इस संक्रमण में सबसे ज्यादा असर डॉ.बी.के. अग्रवाल रोगी के फेफड़ों , दिल , जजटल फिजीशियन किडनियों और आंतों पर पड़ता है।

स्वस्थ होने के बाद ध्यान न देने पर इन अंगों की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है जिससे बाद में भी अन्य परेशानियां हो सकती है। यदि आप भविष्य में स्वस्थ रहना चाहते हैं so आपको अपनी जीवनशैली और आहार में बदलाव करना पड़ेगा।

जिस तेजी से यह वायरस अपना प्रसार कर रहा है , उससे यह साबित हो चुका है कि जब तक इसका सटीक उपचार या वैक्सीन नहीं आ जाती , हमें उन सभी उपायों को अपनाना होगा , जिनसे हम इसके संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं।

हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि मास्क का प्रयोग , शारीरिक दूरी का पालन , थोड़ी-थोड़ी देर में सेनिटाइजर या साबुन से हाथों की सफाई हमारी जीवनशैली का हिस्सा बने ताकि सिर्फ कोरोना संक्रमण ही नहीं , आने वाले दिनों में किसी भी वायरस के संक्रमण से बचने के लिए ये चीजें हमारी सुरक्षा कवच बनी रहें ।

आखिरकार काम पर न निकलने या अपनी जिम्मेदारियों को टालने की भी एक सीमा है। हमें संक्रमण से बचना भी है and काम के लिए घर से बाहर भी निकलना ही पड़ेगा।

ऐसे में हम किस प्रकार स्वस्थ और सुरक्षित रहें , इसके बारे में विचारकर अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना है। यह तभी संभव है , जब हम अनुशासित जीवनशैली को प्राथमिकता दें। इससे हमारे आज और कल होतादी सेहतमंद रहेंगे।

दूसरी बार भी हो सकता है संक्रमण-corona update

ऐसी खबरें आ रही है कि कई मरीज , जिनों पहले कोरोना वायरस का संक्रमण हो चुका है , so फिर से इससे संक्रमित हो गए। अभी तक यही समझा जा रहा था कि यह जीवन में एक ही बार होने वाली बीमारी है।

ठीक होने वालों के शरीर में एंटीबॉडीज तैयार हो जाती है , जो वायरस के खिलाफ कवच बनाती है and दोबारा वायरस का असर नहीं होने देती। अब वायरस के अप्रत्याशित व्यवहार के कारण यह धारणा बनती जा रही है कि दोबारा एक्सपोजर होने पर यह पुनः हमला कर सकता है।

दरअसल कोरीना वायरस से संक्रमित मरीजों के शरीर में एंटीबॉडीज पैदा होती है , जो कुछ समय के लिएइम्युनिटी देती है but कोई विशेषज्ञ यह नहीं जानता कि किसी मरीज के शरीर में एंटीबॉडीज कितने समय तक इम्युनिटी कायम रख सकती हैं।

ऐसे में जो मरीज एक बार कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं , उन्हें भी पुनः संक्रमण से बचने के सभी प्रयास करना चाहिए। इस गलतफहमी को दूर करना ही बेहतर है कि अगर आपको एक बार कोरोना हो गया।

तो आप दोबारा इसके शिकार नहीं हो सकते। so सुरक्षा के वे सभी मानक अपनाएं जिनकी सिफारिश डॉक्टर कर रहे हैं।

क्या करता है कोरोनाcorona update

संधी देशकोरोन वायरस के गंभीर खतरों से जानते कोई सटीक उपचार है। कोरोना वायरस पर का संक्रमण शरीर को किस तरह प्रभावित करता है , इस पर अभी तमाम तरह अध्ययन जारी है।

इस वायरस के बारे में अभी तक पीजानकारी के अनुसार शुरुआती लक्षणों को समझकर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश पाकर है and इसके बाद अपनी संख्या बढ़ाने लगता है।

इस तरह यह गुणात्मक संख्या में पूरे शरीर में फैलता जाता है। यह वायरस अपने चिपचिपे प्रोटीन को स्वस्थ कोशिका पर चिपका देता है and इसके बाद यह फट जाता है । इससे शरीर को स्वस्थ कोशिकाएं मरने लगती है। इसका सर्वाधिक असर हमारे फैकड़ों पर होता है।

because यह वायरस हवा अथवा किसी भी सतह पर मौजूद हो सकता है। मुह अथवा नाक के रास्ते से शरीर में प्रवेश करने वाला वायरस सबसे पहले नाक की मेब्रेन यानी झिल्ली औरगले में पहुंचकर यहां कब्जा जमा लेता है।

संक्रमित होने के 2 मे दिन के अंदर संक्रमित व्यक्ति का इम्यून सिस्टमकमजोर होकर रोग के लक्षण प्रकट करने लगता है। इस दौरान सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है। तेजी से सांस लेने के चलते बीट रेट बढ़ने लगता है और मरीज को चक्करवपसीना आने लगता है।

स्वस्थ कोशिकाओं के लगातार क्षतिग्रस्त होने and फेफड़ों का संक्रमण बदने से मरीज को बेटिलेटर की जरूरत होती है। इसी वैरान शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से अन्य अंग भी प्रभावित होकर संक्रमित होने लगते हैं।

कोरोना काल में त्वचा का भी रखिए ख्यालcorona update

बारिश के मौसम में सबसे अधिक होती हैं । त्वचा की बीमारियां लेकिन कोविड -19 के नए लक्षणों में भी दिख रहा है त्वचा में संक्रमण गर्मी के बाद बारिश के मौसम में त्वचा को आराम जरूर मिलता है , but नमी और उमस भरा यह मौसम रोम छिद्रों को बंद कर देता है , जो त्वचा संबंधी कई बीमारियों की वजह बनता है ।

बरसात में सबसे सामान्य समस्या दाद हैcorona update

जो अक्सर गीले कपड़ों और पसीने के कारण होती है। फंगल इंफेक्शन , एथलीट फुट , मुंहासे और एक्जिमा इस मौसम में त्वचा की प्रमुख बीमारियां हैं। इनमें खुजली , सूजन , चकत्ते , दर्द आदि की समस्या होती है , so बारिश में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें । इस मौसम में उमस व नमी बढ़ने से वायरस , बैक्टीरिया और फंगस की सक्रियता बढ़ जाती है ,

जिससे कई तरह की एलर्जी व त्वचा से संबंधित रोग हो जाते हैं। इस बार कोरोना का संक्रमण चुनौती बना है , so अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। इन दिनों कई मामलों में त्वचा से संबंधित कुछ ऐसे लक्षण दिख रहे हैं , जो कोरोना संक्रमण के कारण है ।

यह इस प्रकार हैं कोरोना के संक्रमण के कारण मरीजों में कोरोना फुट की समस्या भी हो रही है। इसमें पैरों में रैशेज , चकत्ते पड़ना , दर्द होना और एलर्जी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना फुट के लक्षण बच्चों में अधिक दिखाई दे रहे हैं ।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार कोविडटोज के मामले सामने आ रहे हैं। so यह कोरोना संक्रमण का सबसे नया संकेत है , इसमें पैरों की अंगुलियां सूजकरलाल हो जाती हैं।

corona update स्किन रैशेज इटली में हुए एक अध्ययन कोरोना से संक्रमित 20 प्रतिशत लोगों में त्वचा से संबंधित लक्षण दिखाई दे रहे हैं। so इनमें स्किन रैशेज प्रमुख है । हमारा शरीर वायरस के संक्रमण के प्रति जो प्रतिक्रिया देता है , उसके कारण स्किन रैशेज की समस्या ट्रिगर हो सकती है।

कोरोना काल में त्वचा

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