Benefits of Eating Mango At Night
आम द्वारा चिकित्सा आम सर्व रसों का शिरोमणि है । आधिव्याधि उपाधियों का प्रणाशक है । शक्ति , स्मृति एवं स्फूर्ति का धाम है । चिरयौवन का प्रदायक है । सब फलों का राजा है और ग्रीष्म ऋतु का आकर्षण है । इसे संसार का हरेक जीव – जंतु और प्राणी खाना पसंद करता है । संसार का कोई ऐसा फल नहीं है , जो इसकी समानता कर सके । यह समस्त जननेन्द्रियों के लिए रामबाण है ।
आम में पाए जाने वाले पोषक तत्व
कार्बोहाइड्रेट्स | 17 ग्राम |
एनर्जी | 70 कैलोरी |
प्रोटिन | 0.5 ग्राम |
वसा | 0 27 ग्राम |
विटामिन सी | 1 मिलीग्राम |
विटामिन ए | 765 आई यू |
विटामिन ई | 1.12 मिलीग्राम |
विटामिन के | 4.2 माइक्रोग्राम |
सोडियम | 2 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 156 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 10 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.110 मिलीग्राम |
आयरन | 0.13 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 9 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 0.027 मिलीग्राम |
जिंक | 0.04 मिलीग्राम |
1). कच्चा आम
कच्चा आम अर्थात् आमियां कसैली , खट्टी , रुचिकारक , | वात और पित्त को करने वाली है । बड़ा और बिना पका आम खट्टा रूखा , त्रिदोष और खून को साफ करने वाला होता है ।
2). मीठा आम
मीठा आम वीर्यवर्धक , चिकना , बलकारी , सुखदायक , हृदय को सुखकर , वर्ण को उत्तम करने वाला और शीतल है ; पित्तकारक नहीं है । कसैले रस वाला आम कफ , अग्नि और वीर्य को बढ़ाता है । यही आम यदि दरख्त पर पका हो , तो भारी , वातनाशक , मीठा , खट्टा और कुछ – कुछ पित्त को कुपित करता है ।
3). आम की गुठली
आम की गुठली का चूर्ण गर्म पानी के साथ चौथाई चम्मच देने से पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं । आम की गुठली को खूब पीसकर , नाभि पर गाढ़ा लेप करने से सब प्रकार के दस्त बंद हो जाते हैं । आम की गुठली को सेंक कर , नमक लगाकर प्रतिदिन खाने से पेट को शक्ति मिलती है और दस्तों को आराम होता है । एकेक गुठली नित्य दो बार खाएं ।
4). दस्त और बवासीर
दस्त और बवासीर : आम का मीठा रस आधा कप , मीठा दही पच्चीस ग्राम और एक ग्राम अदरक का रस ; इन सबको मिलाकर पिएं । ऐसी एक मात्रा दिन में तीन बार पिएं । इससे पुराने दस्त , दस्तों में अपच के कण निकलना और बवासीर ठीक होती है । Benefits of Grapes
5). दस्त में रक्त
दस्त में रक्त आने पर आम की गुठली पीसकर , छानकर और छाछ में मिलाकर पीने से लाभ होता है । आम के पत्तों को छाया में सुखाकर , पीसकर कपड़छन कर लें । नित्य तीन बार आधा चम्मच की फंकी गर्म पानी से लें । लाभ होगा ।
6). पाचनकारक
पाचनकारक : रेशेदार आम अधिक सुपाच्य , गुणकारी और कब्ज को दूर करने वाला होता है । आम चूसने के बाद दूध पीने से आंतों को बल मिलता है । आम पेट साफ करता है । इसमें पोषक और रोचक दोनों गुण विद्यमान हैं । यह यकृत की निर्बलता तथा रक्ताल्पता को ठीक करता है । 70 ग्राम मीठे आम का रस , दो ग्राम सौंठ में मिलाकर प्रातः पीने से पाचन – शक्ति बढ़ती है । Anemia
7). सूजन
सूजन : 70 ग्राम आम का रस , 15 ग्राम शहद में मिलाकर नित्य प्रातः तीन सप्ताह पीने से तिल्ली की सूजन और घाव में लाभ होता है । इसके प्रयोगकाल में खटाई का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
8). सूखा रोग
सूखा रोग : एक चम्मच अमचूर को भिगोकर उसमें दो चम्मच शहद मिलाकर बच्चे को नित्य दो बार चटाने से कुछ ही दिनों में सूखा रोग दूर हो जाता है ।
9). मधुमेह
मधुमेह : आम और जामुन का रस समान मात्रा में मिलाकर कुछ दिनों तक नित्य पीने से मधुमेह ( डायबिटीज ) का रोग ठीक हो जाता है ।
10). कमजोरी
कमजोरी : आम का रस एक कप , चौथाई कप दूध , एक चम्मच अदरक का रस , स्वादानुसार चीनी ; सबको मिलाकर एक बार रोजाना पिएं । मस्तिष्क की कमजोरी दूर करने में यह अद्वितीय है । मस्तिष्क की कमजोरी के कारण सिर – दर्द , आंखों के आगे अंधेरा आना आदि दूर होता है । शरीर सदैव स्वस्थ रहता है । हृदय और यकृत को विशेष शक्ति मिलती है । यह रक्त – शोधक भी है ।
11). शक्तिवर्षक
आम के सेवन से रक्त की वृद्धि होती है । शरीर का भार बढ़ता है । मूत्र खुलकर आता है । शरीर में स्फूर्ति आती है । भोजन के बाद नित्य सेवन करने से शरीर में अतिरिक्त शक्ति आ जाती है ।
12). गुर्दे की दुर्बलता
गुर्दे की दुर्बलता : नित्य आम खाने से गुर्दो की दुर्बलता दूर होकर , उन्हें शक्ति मिलती है ।
13). यक्ष्मा
यक्ष्मा : एक कप आम के रस में साठ ग्राम शहद मिलाकर सुबह , शाम नित्य दो बार पिएं । How To Lose Weight अथवा गाय के दूध के साथ तीन बार पिएं । एक महीने में ही यक्ष्मा ( टी . बी . ) का रोग दूर हो जाएगा । रात को भोजन के बाद आम खाकर ऊपर से दूध पीने से अनिद्रा दूर होती है । निद्रा अच्छी आती है ।
14). मिट्टी खाना
मिट्टी खाना : यदि किसी बच्चे को मिट्टी खाने की आदत हो , तो आम की गुठली ताजा पानी में घिसकर देना लाभदायक है । आम की गुठली को सेंक कर और सुपारी की भांति काटकर खिलाने से भी मिट्टी खाने की आदत छूट जाती है ।
15). पायोरिया
पायोरिया : आम की गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से दांतों के सभी रोग दूर हो जाते हैं ।
16). नपुंसकता
नपुंसकता : अमचूर का सेवन करते रहने से नपुंसकता आ जाती है । इस रोग से बचाव हेतु आम से संबंधित वस्तुओं का सेवन न के बराबर करना चाहिए ।
17). जलोदर
जलोदर : नित्य तीन बार आम खाने से जलोदर दूर हो जाता है ।
18). जलना
जलना : आम के पत्तों को जलाकर , इसकी भस्म को जले भाग पर छिड़कने से जख्म शीघ्र भर जाता है ।
19). पथरी
पथरी : आम के ताजा पत्ते छाया में सुखाकर बहुत बारीक पीस लें और आठ ग्राम चूर्ण नित्य प्रातः रात भर के रखे हुए बासी पानी के साथ फंकी लें । इससे पथरी का रोग दूर हो जाता है ।
20). हैजा
हैजा : 25 ग्राम आम के नर्म पत्ते पीसकर एक गिलास पानी में उबालें । Pumpkin जब पानी आधा रह जाए , तो छान कर दो बार गुनगुना पिलाएं या पिएं ; लाभ अवश्य होगा । अमचूर और लहसुन समान मात्रा में पीसकर , दंश वाले स्थान पर लगाने से बिच्छू का विष उतर जाता है ।
21). विषेले दंश
विषेले दंश : चूहा , बंदर , पागल कुत्ता , मकड़ी , बिच्छू और ततैया आदि का विष दूर करने के लिए आम की गुठली का प्रयोग करना चाहिए । अर्थात् गुठली को घिसकर लगाने से दाह , वेदना आदि में आराम मिलता है ।
22). हथेलियों की जलन
आम की बौर हथेलियों पर रगड़ने से जलन मिट जाती है । अंड – वृद्धि : आम के पत्ते 25 ग्राम , दस ग्राम सैंधा नमक ; दोनों को पीसकर , हल्का – सा गर्म करके लेप करने से अंड – वृद्धि रुक जाती है
23). आंखों के रोग
आंखों के रोग : आम खाने से आंखों का लाल होना , रतौंधी आदि में आराम होता है । आंखों की खुजली दूर होती है ।
24). विशेष
कसी भी रोग का उपचार करते समय यह सह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि आम का 18 वह प्रयोग कभी भी भूखे पेट नहीं करना चाहिए ।
25). लू लग जाए
लू लग जाए , तो लू का प्रभाव दूर करने के लिए चार 11 5 कच्चे आमों को उबालकर ( या भूभल में रखकर गर्म करें ) चितांगन और बाहर निकालकर , उनका रस निकालें । इस रस में मनाक थोड़ा नमक , दो ग्राम जीरा , दो ग्राम पोदीना मिलाकर पीने से लू का प्रभाव मिट जाता है । उल्टियां भी तत्काल बंद मांग हो जाती हैं । वैसे लू से बचने के लिए कच्चे आम के शर्बत को नित्य आठ ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार भी लिया जा सकता है । किन्तु पहला प्रयोग शीघ्र लाभ करता है ।